[ad_1]
::तफ्तीश:: — कोडवर्ड में खेप की मात्रा और लोकेशन भी छिपी रहती थी –76
::तफ्तीश:: — कोडवर्ड में खेप की मात्रा और लोकेशन भी छिपी रहती थी
–76 सौ करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी मामले में अभी तक छह लोग हुए हैं गिरफ्तार
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। स्पेशल सेल ने 76 सौ करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी मामले में शुक्रवार को छह लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। इसमें एक ब्रिटिश नागरिक भी शामिल है। अब तक पुलिस कुल आठ लोगों के खिलाफ एलओसी जारी कर चुकी है। इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार छह आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पूछताछ में पता चला कि कोकीन की डिलीवरी फटे नोट के कोडवर्ड से होती थी। कोकीन लेने के लिए भारतीय रुपये के फटे नोट का आधा हिस्सा दिखाना होता था। दूसरा पक्ष जब शेष हिस्सा दिखाता था तब डिलीवरी मिलती थी। इसी कोडवर्ड में खेप की मात्रा और लोकेशन भी छिपी रहती थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीरेंद्र बसोया विदेश से इस कारोबार को संचालित कर रहा था। उसे दिल्ली में तुषार गोयल, जितेंद्र गिल उर्फ जस्सी एवं संविदर काम में सहायता कर रहे थे। इस मामले में पुलिस तुषार और जितेंद्र सहित छह लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने बताया कि वीरेंद्र और सविंदर विदेश में छिपे हैं। इसलिए इनकी तलाश की जा रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि विदेश में बैठा वीरेंद्र बसोया ही इस गिरोह के हर सदस्यों की भूमिका और हिस्सा निर्धारित करता था। आपस में बात करने के लिए थ्रीमा पेड ऐप का इस्तेमाल किया जाता था ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके। यही नहीं, गिरोह के अधिकांश सदस्य एक दूसरे के प्रति अंजान भी रहते थे।
दक्षिण अमेरिका से कोकीन लाया गया था
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सविंदर सितंबर माह में दिल्ली आया था। वह रमेश नगर में 208 किलोग्राम कोकीन को रखवा कर करीब 25 दिन तक अलग- अलग इलाके में छिपा हुआ था। इस खेप को ठिकाने लगाने के बाद वापस लंदन लौटने की योजना थी। जब स्पेशल सेल ने महिपालपुर स्थित गोदाम पर छापा मारा तब वह सतर्क हो गया। इसके बाद वह फरार हो गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रमेश नगर से बरामद कोकीन को दक्षिण अमेरिकी देश से लाया गया था।
खेप आने पर सक्रिय होते थे स्लीपर सेल के सदस्य
स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह स्लीपर सेल की तरह काम करता था। गिरोह के सदस्य विदेश से खेप आने पर सक्रिय हो जाते थे। वीरेंद्र इन्हें काम सौंपता था और अंतिम गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी रहती थी।
पांच हजार में गोदाम
पुलिस ने रमेश नगर स्थित गोदाम के मालिक से भी पूछताछ की। जांच में पता चला कि गोदाम मालिक ने पांच हजार रुपये के किराए पर गोदाम दिया हुआ था। फिलहाल इस बात की जांच की जा रही है कि गोदाम मालिक ने पुलिस से सत्यापन कराया था या नहीं।
[ad_2]
Source link