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जयपुर के झोटवाड़ा रोड स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान में 3 साल पहले बनाया गया क्षारसूत्र ऑपरेशन थिएटर मरीजों के काम ही नहीं आ रहा है। यहां पर तीन साल से सर्जरी का डॉक्टर नहीं होने के कारण ताला लगा है। ऐसे में पाइल्स, फिस्टुला बीमारी से पीड़ित मरीजों
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वर्ष-2021 में शल्य कर्म विशेषज्ञ अनुसंधान अधिकारी डॉ. इन्दु पीपी का स्थानान्तरण अन्यत्र होने के कारण क्षारसूत्र चिकित्सा बंद है। इससे संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए आउटडोर में हर माह 100 से 125 मरीज आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जोरावर सिंह गेट जाना पड़ रहा है।
20 में से 1 व्यक्ति को पाइल्स, शर्म के चलते नहीं बताते 20 में से एक व्यक्ति पाइल्स बीमारी से पीड़ित है। बवासीर को लेकर समस्या यह है कि लोग इसे शर्म की वजह से छिपाने की कोशिश करते हैं। एक स्टेज में मल से खून बहने लगता है। जब मस्से बाहर आ जाते हैं, तो उनमें ब्लड आने लगता है, यह बवासीर की तीसरी स्टेज होती है। इस स्टेज में डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं। जाहिर है इस स्टेज पर पैसा भी खूब खर्च होता है। कई बार सर्जरी के बाद भी यह बीमारी दोबारा हो जाती है।
“मरीजों की सुविधाओं को देखते हुए हम जल्द ही सर्जरी के डॉक्टर की नियुक्ति करेंगे। देशभर में संचालित यूनिटों में डॉक्टरों की कमी है। जल्द भर्ती की जाएगी।” -डॉ. रवि नारायण आचार्य, महानिदेशक, सीसीआरए नई दिल्ली
“संस्थान में पहले क्षारसूत्र विशेषज्ञ थे, लेकिन अन्यत्र ट्रांसफर हो गया। तभी से ओटी बंद पड़ा है। हमने डॉक्टर की नियुक्ति के लिए लिखा है। सर्जरी के लिए जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जाना पड़ रहा है।” -डॉ. बीआर मीना, प्रभारी सहायक निदेशक, क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान
- झोटवाड़ा रोड स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान मार्च में एनएबीएच और नवंबर-2023 में एनएबीएल मान्यता प्राप्त है।
- क्षारसूत्र ओटी में डॉक्टर रूम, प्री एंड पोस्ट ऑपरेटिव रूम, स्टरलाइजेशन रूम आदि सुविधा उपलब्ध।
- क्षारसूत्र एक चिकित्सकीय सूत्र है, जिसमें मेडिकेटेड धागे के ऊपर स्नूही क्षीर, हल्दी और क्षार की कोटिंग की जाती है। धागा न केवल धीरे कटिंग करता है और घाव भी भरता रहता है। धागे को बार-बार बदला जाता है। तकनीक की खासियत है कि ऑपरेशन में कम समय लगने के साथ ही कम दर्द सहन करना पड़ेगा। किसी तरह की ब्लीडिंग या साइड इफैक्ट भी नहीं होता। एंटीबायोटिक थैरेपी भी कम देनी पड़ती है।
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