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Iran Russia Relations: रूस और ईरान के संबंधों में हाल के सालों में एक नया मोड़ आया है. विशेष रूप से 2022 के बाद से जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था. दरअसल, रूस और ईरान अतीत में एक-दूसरे के 200 साल से प्रतिस्पर्धी रहे हैं. हालांकि, अब वैश्विक परिस्थितियों और भू राजनीतिक चुनौतियों के कारण एक दूसरे के करीब आ रहे हैं.
ईरान और रूस के पास आने का मुख्य कारण अमेरिका और उसके सहयोगियों से दोनों देशों की टकराहट को माना जा रहा है. इसी बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार (11 अक्टूबर) को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मिलने वाले हैं. ये मुलाकात तुर्कमेनिस्तान में आयोजित एक कार्यक्रम में होगी.
🎥 Putin arrives in Turkmenistan for international forum. Ukraine previously called for his arrest in the country He will also meet Iranian President Masoud Pezeshkian. Terrorists meeting terrorists?pic.twitter.com/OWyBY7T69e
— Real Untold Story (@RealUntoldStory) October 11, 2024
रूस और ईरान के संबंधों का विकास
1990 के दशक से ही रूस और ईरान के संबंध सुधरने शुरू हो गए थे. रूस ने ईरान को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की, जिसमें टैंक, मिसाइल, हेलीकॉप्टर, और लड़ाकू विमान शामिल थे. व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में आने के बाद इन संबंधों में और भी सुधार हुआ और 2005 में दोनों देशों के बीच एक बिलियन डॉलर के हथियार सौदे पर करार किया.
2015 में रूस और ईरान के बीच रणनीतिक गठबंधन की नींव रखी गई. दोनों देशों ने सीरिया में बशर अल असद की सत्ता को बनाए रखने में मदद की. रूस ने ईरानी ठिकानों का इस्तेमाल करके सीरिया में विद्रोही ठिकानों पर बमबारी की और दोनों देशों ने बड़े पैमाने पर सैन्य सहयोग किया।
2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद रूस के लिए ईरान का समर्थन और भी महत्वपूर्ण हो गया. ईरान ने रूस को सैकड़ों ड्रोन भेजे, जिनका इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया गया. साथ ही ईरानी सेना ने रूस को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग भी दी, जिससे रूस को युद्ध में काफी मदद मिली.
रूस-ईरान के रिश्तों पर विशेषज्ञों की राय
एमिल अवदालियानी (जॉर्जियाई थिंक टैंक के निदेशक) का कहना है कि यूक्रेन युद्ध ने रूस के लिए ईरान के महत्व को और बढ़ा दिया है. 2022 से पहले तक दोनों देशों के संबंध कुछ हद तक सही नहीं थे, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद रूस को ईरान का समर्थन बहुत जरूरी हो गया है. इसके अलावा वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी की अन्ना बोर्शचेवस्काया का कहना है कि रूस और ईरान के बीच रिश्ते इसलिए भी मजबूत हो रहे हैं क्योंकि ईरान ने रूस को यूक्रेन युद्ध में खुलकर समर्थन दिया है. दोनों देश भविष्य की सैन्य जरूरतों को देखते हुए एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं.
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