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नुकरी नस्ल की 65 इंच ऊंची घोड़ी लेली की कीमत 41 लाख है।
झज्जर जिले के गांव बेरी में गधे के मेले के नाम से मशहूर एशिया के प्रसिद्ध पशु मेले में लेली नाम की घोड़ी की 25 लाख रुपये बोली लगी है। हालांकि, पशु मालिक ने 41 लाख रुपए कीमत बताकर घोड़ी बेचने से इन्कार कर दिया।
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लेली के साथ गोल्डन किंग नाम का घोड़ा भी मेले में आया है। दोनों को देखने के लिए पशु प्रेमियों की भीड़ कम नहीं हो रही है। झज्जर जिले के बेरी में हर साल माता भीमेश्वरी देवी का मेला लगता है। यहीं पर गधों और घोड़ों का मेला भी लगता है।
हर साल लगता है पशु मेला
राजस्थान के पुष्कर के बाद यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला कहा जाता है। मेले में यूपी, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से व्यापारी पशु लेकर पहुंचते हैं। इस बार मेले में पहुंचा आकर्षक कद काठी का घोड़ा गोल्डन किंग और घोड़ी लेली दोनों ही अपने आप में बेमिसाल हैं। इनकी सुंदरता हर किसी को आकर्षित कर रही है। झाड़ौदा निवासी घोड़ा मालिक बबलू पहलवान ने बताया गोल्डन किंग मेले में सबसे ऊंचा और सुंदर घोड़ा है। मेले में वह इसे केवल नुमाइश के लिए लेकर आया है l
10 लीटर दूध रोज पीती है लेली घोड़ी
घोड़ी लेली नुकरी नस्ल की 65 इंच ऊंची है और इसकी उम्र 2 वर्ष है। इस बार मेले में आई लेली सबसे ऊंची और आकर्षक घोड़ी है। पशु प्रेमियों ने लेली की कीमत 25 लाख रुपए लगाई है। लेकिन, मालिक ने 41 लाख रुपए की मांग रखी है। घोड़ी मालिक बबलू पहलवान के मुताबिक, लेली रोज 6 किलो चना, 10 लीटर दूध, देसी घी, चोकर आदि खाती है। उसका हर महीने का खर्च करीब 35 से 40 हजार रुपए आता है। लेली ने पिछले माह पंजाब में हुई चैंपियनशिप में सुंदरता में पहला स्थान प्राप्त किया था।
नुकरा मारवाड़ी नस्ल के गोल्डन किंग घोड़ा।
70 इंच ऊंचे नुकरा मारवाड़ी नस्ल के गोल्डन किंग घोड़े की उम्र 5 वर्ष है। पूरे मेले में उसकी सुंदरता और ऊंचाई सबसे अच्छी है। घोड़े के मालिक बबलू पहलवान ने बताया गोल्डन किंग हर रोज 10 किलो चना, 10 लीटर दूध, कभी-कभी देसी घी, चोकर खाता है। इसका महीने का खर्च करीब 40 से 50 हजार रुपए आता है। पशु मेले में आने वाले घोड़े और घोड़ियों की कीमत कई बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों की कीमत को भी मात दे रही है।
कई राज्य के पशु प्रेमी और व्यापारी होते है शामिल
मेले में घोड़ों को लेकर पहुंचने का अंदाज भी कुछ अलग ही दिखा। कोई घोड़ों को डीजे की धुन पर डांस कराते मेले में पहुंच रहा है तो कोई करतब दिखा रहा है। अन्य सालों की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में पशु व्यापारी मेले में अपने पशु लेकर पहुंचे हैं। मेले के पहले दिन पंजाब, यूपी और राजस्थान आदि के व्यापारी अपने घोड़ों व खच्चरों को मेले में लेकर आए। घोड़ा मालिक जहांगीरपुर निवासी प्रमोद ने बताया कि उसके परिवार को पीढ़ी दर पीढ़ी घोड़े रखने का शौक है। बेरी मेले में वह हमेशा अपने घोड़े की नुमाइश करवाने पहुंचते हैं। इस बार मेले में वह अपने घोड़े बादशाह किंग को लेकर आए हैं।
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