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भाजपा ने 10 साल की ऐंटी-इनकम्बैंसी के बाद भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करके सबको चौंका दिया है। चुनावी पंडित अपने गलत विश्लेषण के लिए माफी मांग रहे हैं तो वहीं कांग्रेस में भी मंथन का दौर जारी है कि ऐसा क्यों हुआ। इस बीच भाजपा अब नई सरकार के गठन में भी उन सामाजिक समीकरणों को साधने में जुटी है, जिनके जरिए उसे तीसरी बार लगातार सत्ता हासिल हुई। अब तक मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार में सीएम नायब सिंह सैनी समेत कुल 14 मंत्री होंगे। इन मंत्रियों के माध्यम से 36 बिरादरियों को साधने की कोशिश की जाएगी।
फिलहाल पीएम नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर हैं और उनके लौटते ही कैबिनेट पर मंथन किया जाएगा। लेकिन अब तक मिली जानकारी के अनुसार अहीरवाल को काफी महत्व मिलेगा। इसके अलावा ओबीसी फेस भी अच्छी संख्या में रहेंगे। गैर-जाट ओबीसी नेताओं को इनमें प्रमुखता दी जाएगी। इस तरह भाजपा 48 विधायकों में से लगभग एक तिहाई लोगों को कुछ न कुछ देने की स्थिति में होगी। 14 मंत्री होंगे तो वहीं एक पद स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर का होगा। सूत्रों का कहना है कि समर्थन देने वाले तीन विधायकों में से एक सावित्री जिंदल को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है, वह वैश्य समाज से आती हैं।
इसके अलावा ओबीसी चेहरों की बात करें तो यादव नेता राव नरबीर सिंह मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा ओपी यादव और राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव भी मौका पा सकती हैं। हरविंदर कल्याण और रणबीर गंगुआ भी मंत्री हो सकते हैं। अब बात ब्राह्मणों की करें तो मूलचंद शर्मा और शक्ति रानी शर्मा मंत्री बनने की रेस में हैं। पंजाबी चेहरे के तौर पर दिग्गज नेता अनिल विज को मौका मिलेगा। अब जाटों की बात करें तो बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी जगह पा सकती हैं। महीपाल ढांडा को भी मंत्री बनाने की तैयारी है।
राव नरबीर सिंह गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से जीते हैं। यह हरियाणा की सबसे बड़ी सीट है। उनके भी चर्चे हैं कि कोई अहम मंत्रालय मिल सकता है। इसकी एक वजह यह भी कि अमित शाह ने उनके लिए प्रचार के दौरान कहा था कि वह बड़े आदमी बनेंगे, यदि यहां से विधायक चुने गए। पंजाबी समुदाय से भाजपा के 8 विधायक चुने गए हैं। पूरी संभावना है कि इस वर्ग से दिग्गज नेता अनिल विज को मौका मिल सकता है। वहीं जींद के कृष्ण लाल मीधा और हांसी से विनोद भयाना भी मंत्री बनने की रेस में हैं।
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