[ad_1]
करनाल में लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा की फाइल फाेटो।
हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस नेताओं ने एक-दूसरे की पोल खोलनी शुरू कर दी है। कांग्रेस में घरौंडा से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र राठौर ने लोकसभा चुनाव लड़ चुके दिव्यांशु बुद्धिराजा को आरोपों के कटघरे में खड़ा किया तो दिव्यांशु ने अप
.
बता दें कि गुरुवार को वीरेंद्र राठौर ने विधानसभा इलेक्शन हारने के बाद अपने फार्म हाउस पर प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि लोकसभा में दिव्यांशु को टिकट देना सही विकल्प नहीं था। मैंने लोकसभा चुनाव में पूरा साथ दिया था, लेकिन घरौंडा के नेताओं के कहने पर दिव्यांशु ने मेरी शिकायत हाईकमान को की, कि मैंने साथ नहीं दिया।
पत्रकार वार्ता में दिव्यांशु बुद्धिराजा सहित अन्य नेताओं पर आरोप लगाते वीरेंद्र राठौर।
लोकसभा चुनाव में मनोहर लाल की मदद करने के आरोप
दिव्यांशु ने अपनी पोस्ट में आरोप लगाया कि राठौर ने मनोहर लाल की मदद की और उस कांग्रेस पार्टी की ख़िलाफत की जिसने आपको चार बार विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। आप जीत भी जाते, लेकिन चुनावों में हार आपके कर्मो का फल है, जो जैसा करता है वैसा ही भरता है।
ऐसे में जिस तरह से कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। आपसी फूट खुलकर सामने आने लगी है और अगर शीर्ष नेतृत्व ने जल्द ही कांग्रेस नेताओं द्वारा एक दूसरे पर की जाने वाली टिका टिप्पणी को नहीं रोका तो हरियाणा में कांग्रेस के हालात कुछ ओर ही होंगे, ऐसे में कार्यकर्ताओं पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
अब पढ़िए क्या है अपने सोशल मीडिया X पर
दिव्यांशु ने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा है कि वीरेंद्र राठौर जी,
घरौंडा विधानसभा चुनाव का आपका पिछला रिकॉर्ड -2005 विधानसभा चुनाव हारे, तीसरे नम्बर पर रहे।
2009 विधानसभा चुनाव हारे।
2014-विधानसभा चुनाव हारे, तीसरे नम्बर पर रहे।
2019- चुनाव लड़ने से इंकार किया और घरौंडा से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल राणा की खिलाफत करी।
2024- चौथा विधानसभा चुनाव हारे और 2005 व 2009 में तो तब हारे जब कांग्रेस की लहर थी और हरियाणा में सरकार कांग्रेस की बनी।
चार-चार बार घरौंडा से जो आदमी कांग्रेस की टिकट मिलने के बावजूद चुनाव नहीं जीत सका वो आज बता रहा है कि लोकसभा में किसे टिकट दिया जाना चाहिए था ?? और आपको पहली बार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने तब मौक़ा दिया, जब आप मात्र एक कांग्रेस सदस्य के रूप में थे जबकि आपकी जानकारी दुरुस्त करने के लिए बता दूं, मैंने पहला चुनाव लोकसभा 2024 का तब लड़ा जब मैं 2014 में पंजाब विश्वविद्यालय का निर्वाचित अध्यक्ष रह चुका था, 4 साल NSUI हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष रह चुका था और हरियाणा युवा कांग्रेस का पिछले 3 साल से मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हूं।
और एक बात, लोकसभा चुनाव से आज तक मैंने किसी का सार्वजनिक मंच पर आकर नाम नहीं लिया, लेकिन आज मैं बता रहा हूँ कि मेरे चुनाव में खुल के आपने कांग्रेस की ख़िलाफत करी व मनोहर लाल खट्टर की मदद करी और उस कांग्रेस पार्टी की ख़िलाफ़त करी, जिसकी बदौलत आपको चार बार विधानसभा लड़ने का मौका मिला। जिसने आपको राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दी और आपने तब ख़िलाफत करी, जब कांग्रेस पार्टी खड़गे जी, राहुल जी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाने के लिए एक एक सीट पर लड़ाई लड़ रही थी।
दिव्यांशु बुद्धिराजा द्वारा किए की वीरेंद्र राठौर के खिलाफ पोस्ट।
टिकट कटने के दर्द में आपका विरोध मेरे ख़िलाफ़ हो सकता था, लेकिन लोकसभा चुनाव में यह सीधे तौर पर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल्लकार्जुन खड़गे जी व हम सबके नेता राहुल गांधी जी का आपने डट कर विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप आपको राष्ट्रीय सचिव पद से भी हटा दिया गया, लेकिन आपके द्वारा बावजूद मेरे चुनाव में विरोध करने में, हमने इस विधानसभा चुनाव में जन भावना की कद्र करते हुए भाजपा को हराने के लिए कहीं भी आप जैसी छोटी मानसिकता दिखाते हुए पार्टी के खिलाफ काम नहीं किया।
ईश्वर करता आप जीतते लेकिन ये चुनाव में मिली हार आपके कर्मों का फल है, क्योंकि किसी ने बड़ा ठीक ही कहा है-“जो जैसा बोयेगा , वो वैसा काटेगा”चुनाव में हार-जीत चलती रहती है, हार से सीखिए और आगे बढ़िए ! औरों के बारे में बात करने से पहले अपने गिरेबान में झांकिए, राठौर जी।
[ad_2]
Source link