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जिले के पचपहाड़ तहसील के कोथला गांव के ग्रामीणों ने गुरुवार को झालावाड़ मिनी सचिवालय पहुंचकर सरपंच और तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जिले के पचपहाड़ तहसील के कोथला गांव के ग्रामीणों ने गुरुवार को झालावाड़ मिनी सचिवालय पहुंचकर सरपंच और तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ लोगों के कह
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झालावाड़ आए बंजारा समाज के लोगों ने बताया कि ग्राम कोथला ग्राम पंचायत गुढ़ा तहसील पचपहाड़ में बंजारा समाज के लोग रहते हैं। बंजारा समाज राज्य सरकार की पिछड़ी व घुम्मकड़ जाति के तहत आते हैं और इस गांव में स्थाई रूप से अपने बुजुर्गों के जमाने से कच्ची टापरी बनाकर रहते चले आ रहे हैं।
बस्ती के पास में ही सामाजिक सहयोग से अपने सामाजिक देवी-देवताओं का मन्दिर निर्माण कर रहे थे। इस मंदिर के पास दूसरे समाज के मकान बने है। इन्हें यह रास नहीं आया कि वे अपना मन्दिर बना सकें, क्योंकि उनकी दृष्टि उस जमीन को हड़पने की है। इसलिए द्वेषतापूर्ण अपने जाति समाज के सरपंच के साथ मिलकर और प्रशासन का सहयोग लेकर बिना सूचना दिए व बिना नोटिस दिए अचानक आकर जेसीबी मशीन से अधूरे मन्दिर को तोड़ दिया और उसके मलवे को तालाब में फेंक दिया।
इससे पूरे बंजारा समाज को गहरा आघात लगा है। हर समाज को भारतीय संविधान के अनुसार अपना सामाजिक मन्दिर निर्माण करने व अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच और तहसीलदार पचपहाड़ ने पूरे समाज की भावना को मन्दिर तोड़कर ठेस पहुंचाई है। बिना सुनवाई मन्दिर को तोड़कर गलत किया है। इससे समाज में काफी रोष व्याप्त है।
तुरन्त प्रभाव से ग्राम पंचायत सरपच और तहसीलदार पचपहाड़ के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाए। गांव में समाज के करीब 250 घर हैं। इनको पट्टे देने की कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। समाज को राहत देने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
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