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खाद्य विभाग की टीम ने अलग-अलग जगह से लिए घी, तेल के सैंपल।
दीपावली फेस्टिवल नजदीक आने के साथ-साथ फ्रूड विभाग भी एक्टिव हो गया है। बाड़मेर शहर में डिपार्टमेंट ने खाद्य पदार्थो में मिलावट की आंशका के चलते अलग दुकानों से घी, तेल और मिठाई के सैंपल लिए है। जिसकी जांच के लिए सैंपल जोधपुर लेबोरट्री भेजें गए है। रिपो
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दरअसल, सीएम भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार हेल्थ डिपार्टमेंट खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगातार कार्रवाई कर रही है। बाड़मेर सीएमएचओ ने मिलावट खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए अलग दल बनाए गए है। त्योहारी सीजन को देखते हुए सुरक्षा दल चौकसी बरते रहे है। खाद्य पदार्थो में मिठाई, घी और तेल सहित अन्य पदार्थो में मिलावट का संदेह होने पर टीम की ओर सैंपल लेने की कार्रवाई की जा रही है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार जांगिड़ मय दल की ओर से महाबार रोड और चौहटन रोड इलाके में अलग-अलग दुकानों पर घी, तेल और मिठाई के सैंपल लिए है। फर्म जय भवानी स्वीट होम और फर्म संजय लूनिया के यहां कार्रवाई करते हुए मिठाई, घी, तेल, सोनपापड़ी, मिक्स पिकल और मिठाई मावा पेड़ा के नमूने लिए गए। व्यापारियों को साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए थे। साथ ही व्यापारियों को धारा 32 के तहत इंप्रूवमेंट नोटिस दिया जाएगा एवं कानूनी कार्रवाई अमन में ली जाएगी। सैंपलों को वास्ते जांच पब्लिक हेल्थ लैबोरेटरी जोधपुर भेजा गया।
अनसेफ और सब स्टैंडर्ड पदार्थो की सामग्री का नाम किए जाएंगे सार्वजनिक।
साथ ही सभी खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को अपील की गई फूड लाइसेंस प्रदर्शित करने, अवधि पर सामग्री विक्रय नहीं करने, कच्चा माल मसाला घी तेल बिल से ही खरीदने, ग्लव्स केप काम में लेने, हाइजीन का ध्यान रखना, चटनी सब्जियों व अन्य खाद्य सामग्रियों में कलर का इस्तेमाल नहीं करने और विशेष कर साफ सफाई हेतु सख्त निर्देश दिए गए। खाद्य सुरक्षा टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार जांगिड़, अनवर खान, होमगार्ड विक्रम सिंह, राजेंद्र सिंह इंदा उपस्थित रहे |
शिकायत करने की अपील
सीएमएचओ डॉ. संजीव मितल ने कहा कि आमजन जहां भी अशुद्ध, मिलावटी व अवधिपार खाद्य सामग्री बेचने की आशंका हो, उसकी शिकायत अवश्य करें। आमजन 02982-230462 पर कोल या 181 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
ये है कानूनी प्रावधन
सीओआईईसी राकेश भाटी ने बताया कि अनसेफ यानी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ, जिस पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 59 के तहत छह माह से लेकर आजीवन कारावस तक की सजा एवं एक लाख रूपए से दस लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। सबस्टेंडर्ड यानी अधिनियम में दिए गए मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर एवं अनसेफ नहीं हो तो धारा 51 के तहत अधिकतम पांच लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं सब स्टैंडर्ड मिसलीडिंग यानी खाद्य पदार्थ के पैकेट पर भ्रामक तथ्यों का उल्लेख किया हो तो अधिनियम की धारा 53 के तहत अधिकतम दस लाख रूपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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