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राजधानी दिल्ली के 120 निर्माण स्थलों को धूल नियंत्रण उपायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को बताया कि बेहतर काम करने वाली एजेंसियों को हरित रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।
राजधानी के 120 निर्माण स्थलों को धूल नियंत्रण उपायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को बताया कि बेहतर काम करने वाली एजेंसियों को हरित रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं, निर्माण स्थलों को लेकर जारी 14 सूत्रीय दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सर्दियों के करीब आने के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को भी तेज करने की कोशिश की जा रही है। दो दिन पहले सात अक्तूबर को दिल्ली सरकार की ओर से धूल रोधी अभियान की शुरुआत की गई है। इसमें दिल्ली के अलग-अलग 13 विभागों की 523 टीमें निर्माण स्थलों की निगरानी कर रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी सोमवार को दो स्थानों का औचक निरीक्षण किया था और उल्लंघन पाए जाने पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था।
इसी क्रम में बुधवार को निजी और सरकारी निर्माण एजेंसियों के साथ दिल्ली सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया। मंत्री ने बताया कि बुधवार को भी अच्छा काम करने वाली दस एजेंसियों को हरित रत्न अवार्ड दिया गया। पर्यावरण को बेहतर बनाने में लगने वाले व्यक्ति, संगठन, निजी व सरकारी एजेंसियों को इस अवार्ड से आगे भी सम्मानित किया जाएगा।
कृत्रिम बारिश के लिए फिर लिखेंगे पत्र राय
दिल्ली में कृत्रिम बारिश का मुद्दा एक फिर से केन्द्र में आने की संभावना है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि एक से लेकर 15 नवंबर तक प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है, इसलिए आपातकालीन उपायों को अपनाए जाने की जरूरत है। इनमें कृत्रिम बारिश भी शामिल है। राय ने बताया कि उनकी ओर से केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा गया था कि वे कृत्रिम बारिश को लेकर बैठक बुलाएं, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। अब वे गुरुवार को फिर केन्द्रीय मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखेंगे।
पराली जलाने की मोहाली से निगरानी
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की निगरानी चंडीगढ़ के मोहाली से होगी। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से मोहाली में पराली प्रबंधन प्रकोष्ठ स्थापित करने की तैयारी है। दिल्ली-एनसीआर में जाड़े के समय भयावह प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। आतिशबाजी और पराली के कारण प्रदूषण सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंचा जाता है। इसकी रोकथाम की कोशिश पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है।
हवा की दिशा बदलने से बढ़ने लगा प्रदूषण
हवा की दिशा में आए बदलाव के चलते राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली की हवा फिलहाल 164 अंकों के साथ मध्यम श्रेणी में है, लेकिन एनसीआर क्षेत्र के चार शहरों की हवा खराब श्रेणी में है। दिल्ली-एनसीआर में मानसून की वापसी के बाद हवा की दिशा आमतौर पर उत्तर पश्चिमी हो जाती है। यह हवा सूखी होती है और अपने साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से प्रदूषक कण लेकर आती है।
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