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कृषि में नवाचार व आधुनिक तकनीक के तहत गत वर्ष केंद्र सरकार ने ड्रोन दीदी योजना शुरू की, उसमें महिलाओं से ज्यादा पुरुष रोजगार पा रहे हैं। इफको ने देश में 2500, प्रदेश में 150 ड्रोन दिए हैं। प्रदेश में 15 महिलाएं ही ड्रोन चला रहीं हैं। प्रदेश के 25 से
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इफको जोधपुर के क्षेत्रीय अधिकारी जितेंद्र भाखर ने बताया, ड्रोन से 1 घंटे में 15-20 बीघा में स्प्रे हो रहा है। इस फसल में कम पानी में एक साथ अच्छा स्प्रे हो जाता है। ड्रोन 13 फीट का चौड़ाई दायरा लेकर सभी पौधों को कवर करते हुए फसल के आकार के अनुसार स्प्रे कर देता है।
एक घंटे का छिड़काव 10 मिनट में, खराबा भी नहीं होता
- ट्रैक्टर मशीन से उर्वरक व दवा छिड़काव में प्रति हेक्टेयर ₹1000 से 1200 रुपए लगते थे, ड्रोन से यह काम 400 रु. में हो रहा है।
- मशीन से 4 मजदूरों को स्प्रे करने में आधे से एक घंटा लगता था, ड्रोन से 5 से 10 मिनट लग रहे हैं। मजदूर की भी जरूरत नहीं है। बड़ी फसल में मशीन से स्प्रे में खराबा होता था, ड्रोन में नुकसान शून्य है।
15 दिन गुड़गांव में प्रशिक्षण, अब ड्रोन चला रहीं चुकीदेवी
बावड़ी ब्लॉक में 27 वर्षीय चुकीदेवी ड्रोन दीदी हैं। उन्होंने जनवरी में गुड़गांव में 15 दिन की ट्रेनिंग ली थी। स्प्रे के लिए IFCO KISAN UDAY एप पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। तब ड्रोन संचालक को मैसेज आता है, वह किसान से संपर्क करता है। प्रति एकड़ 200 रुपए तक चार्ज है। 100 रुपए इफको देता है। एक संचालक 5 साल में 20 हजार एकड़ में स्प्रे कर सकता है। 5 बीघा में मशीन से स्प्रे पर 500 लीटर, ड्रोन से 35-40 लीटर पानी लगता है। इससे खेत में केमिकल की मात्रा आधी रह जाती है।
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