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पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी साक्ष्य के अभाव में बरी
पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल मजिस्ट्रेट अमित आकाश सिन्हा की अदालत ने 2019 चुनाव के दिन हुए केस में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
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त्रिपाठी के खिलाफ पथ निर्माण विभाग पथ प्रमंडल कनीय अभियंता राजीव रंजन ने चैनपुर थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया था। 30 नवम्बर 2019 को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
क्या था पूर्व मंत्री पर आरोप दर्ज प्राथमिकी में श्री त्रिपाठी पर आरोप था कि मतदान के दिन कांग्रेस प्रत्याशी सुबह 10:40 बजे के एन त्रिपाठी केएन त्रिपाठी कोशियारा के बूथ पर आए थे। वहां वोटर के साथ इनका नोंक झोंक हुआ। जनता उग्र हो गई और त्रिपाठी को वापस जाने के लिए कहने लगी। जनता का उग्र रूप देख कर कांग्रेस प्रत्याशी ने पिस्टल निकाल दिया। प्रत्याशी केएन त्रिपाठी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने और हथियार का प्रदर्शन करने का केस दर्ज कराया गया था।
10 गवाहों की उपस्थिति के बाद भी नहीं मिले साक्ष्य इस केस में 10 गवाहों की गवाही हुई थी, परन्तु अभिययोजन आरोप साबित करने में असफल रहा। अदालत ने साक्ष्य के आधार पर पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया। केस से बरी होने पर केएन त्रिपाठी ने कहा कि घटना के दिन गोलीबारी नही किया था।
लगाए गए आरोप निराधार थे। मेरे गाड़ी पर हमला हुआ था। जान मारने का प्रयास किया गया था।फर्जी मुकदमा कर जनता को गुमराह किया गया। अंगरक्षकों ने मुझे बचाया था। न्यायपालिका ने सच बता दिया है। अब जनता का न्याय बाकी है।
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