राजेश तिवारी /अजित सिंह (संवाददाता)
ओबरा /सोनभद्र- स्थानीय नगर स्थित मुख्य बाजार की रामलीला में कलाकारों द्वारा बुधवार को सीता हरण का मंचन किया गया। इस दौरान दर्शक भावूक हो गए, कथानुसार राम लक्ष्मण जब वन को गए तो सीता को अपना ख्याल रखना को कह गए साथ ही लक्ष्मण जी द्वारा कुटिया के बाहर एक रेखा खींचकर उसे पार न करने की बात माता सीता से कही गई। कुछ क्षण बाद साधु का रूप धारण कर रावण द्वारा माता सीता से भिक्षा दिए जाने की मांग की गई जिस पर सीता माता द्वारा भिक्षा की प्रतिपूर्ति की जाने लगी तभी छदम रूप धारण किए हुए रावण द्वारा कुटिया से बाहर आकर ससम्मान भिक्षा दिए जाने को कहा जाने लगा, जिस पर सीता द्वारा लक्ष्मण रेखा नहीं पार किए जाने की बात कही गई। तभी रावण आक्रोशित होकर कहने लगा कि साधु संतों का अपमान किया जाना सबसे बड़ा पाप है इस पाप की भागी तुम और तुम्हारा पूरा परिवार होगा और मैं ऐसे में भिक्षा नहीं लेता, जिस पर माता सीता ने जैसे ही लक्ष्मण रेखा को पार किया तो रावण अपने वास्तविक रूप में आ गया और सीता का हरण करने लगा इसी बीच सीता के बचाव में कूदे गरुण राज व रावण में जमकर युद्ध हुआ। जिसमें गरुण राज घायल हो जाते है और रावण सीता को लंका ले जाता है। जिस पर माता सीता अशोक वाटिका में विलाप करती हैं। मंचन के दौरान रामलीला समिति के अध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव सुशील सिंह, कोषाध्यक्ष अन्वेष अग्रवाल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रंजना सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश पांडे, पूर्व सभासद सुनीता पांडेय, दिनेश सिंह मुंडी, ज्ञान शंकर शुक्ला, डॉ शिवम द्विवेदी, सभासद अमित गुप्ता, अरविन्द सोनी, समीर माली, कैलाश, पूर्व पुस्तकालय मंत्री कुमार सौरभ सिंह, अभिषेक सेठ, राजीव चौधरी, भोला साहनी, सचिन तिवारी, प्रेम सागर, शेषनाथ गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।