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हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल कर हैट्रिक लगा चुकी है। इस बार के चुनाव में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी अपना भाग्य आजमाया था। मगर जनता ने उन्हें किनारा दिखा दिया है। किसान आंदोलन के दौरान प्रमुख भूमिका निभाने वाले संयुक्त संघर्ष पार्टी के उम्मीदवार चढूनी कुरूक्षेत्र की पिहोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई है। यह परिणाम इस बात का संकेत है कि हरियाणा में किसान आंदोलन एक अहम मुद्दा होने के बावजूद, उनकी लोकप्रियता को समर्थन नहीं मिला।
पिहोवा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार मनदीप चट्ठा ने भाजपा के जय भगवान शर्मा को 6,553 मतों के अंतर से हराया। मनदीप चट्ठा को 64,548 वोट मिले, जबकि भाजपा के जय भगवान शर्मा को 57,995 वोट मिले। इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के बलदेव सिंह वड़ैच को केवल 1,772 वोट मिले और किसान नेता चढूनी को सिर्फ 1,170 वोट मिले।
बता दें चाढूनी हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख भी हैं। वह 2020-21 के किसान विरोध के नेताओं में से एक थे, जब किसानों ने भारतीय संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली को अवरुद्ध कर दिया था।
हरियाणा में 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में भाजपा ने पिछले 10 वर्षों से चल रही अपनी सत्ता को बनाए रखने में सफलता प्राप्त की है। इस बार चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, जिसमें भाजपा ने अपनी राजनीतिक रणनीतियों के जरिए 48 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा की इस जीत ने पार्टी को एक बार फिर से सरकार बनाने की दिशा में मजबूती प्रदान की है। वहीं, कांग्रेस को केवल 37 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
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