[ad_1]
19 सितंबर को स्कूल में बच्ची से रेप का मामला सामने आने के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया था।
भोपाल के जिस स्कूल को 3 साल की बच्ची से रेप के बाद सील कर दिया गया था, उसकी कमान अब शिक्षा विभाग के पास पहुंच गई है। इसे अब सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल कंट्रोल करेंगे। 6 महीने यानी मौजूदा शिक्षा सत्र पूरा होने तक ऐसा होगा। इसके बाद स्कूल की मान्यता रद्
.
डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) नरेंद्र कुमार अहिरवार ने बताया, ‘स्कूल में पढ़ने वाले 324 बच्चों के भविष्य के चलते ऐसा करना पड़ा है। सील स्कूल को फिर से खोला है। शासकीय हाईस्कूल जमुसरकलां (बैरसिया) के प्राचार्य विजेंद्र कुमार कटारे को स्कूल की कमान सौंपी है। मौजूदा शिक्षा सत्र यानी बाकी बचे अगले 6 महीने तक कटारे ही स्कूल का संचालन करेंगे। उन्हीं के अंडर में स्कूल का स्टाफ रहेगा।’
डीईओ ने बताया कि स्टाफ के साथ संसाधन भी स्कूल के ही रहेंगे। पढ़ाई के साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी फोकस रहेगा।
ऐसा करना जरूरी था डीईओ का कहना है कि बच्ची से दुष्कर्म की घटना और अन्य बच्चों की सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए ऐसा करना जरूरी था। इसलिए पहली बार भोपाल में किसी प्राइवेट स्कूल की कमान सरकारी हाथ में ली है। नियम भी है कि यदि किसी प्राइवेट स्कूल में ऐसा होता है तो उसके संचालन की कमान हम ले सकते हैं।
यह था मामला सितंबर में टीचर ने बच्ची से रेप किया था, इसके बाद स्कूल को सील कर दिया गया था। 6 सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सरकार को प्रस्ताव भेजा कि स्कूल का संचालन डीईओ करें। जांच के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। पहली जांच रिपोर्ट में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी।
वहीं, दूसरी 7 सदस्यीय कमेटी ने स्कूल के संचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को दी। दूसरी रिपोर्ट के बाद स्कूल की कमान शिक्षा विभाग ने अपने हाथों में ली है।
मासूम से रेप करने का आरोपी टीचर कासिम रेहान।
79 बच्चे का दाखिला आरटीई से स्कूल में कुल 324 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से 79 ऐसे हैं, जिनका आरटीई (राइट टू एजुकेशन) में एडमिशन हुआ है। बीच सत्र में स्कूल बंद होने से सभी बच्चों को परेशानी हो सकती थी। उनका एक साल बिगड़ जाता। इसलिए स्कूल फिर से खोल दिया गया है।
घटना के बाद सभी स्कूलों में वेरिफिकेशन इस घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन एक्शन में आया। जिला शिक्षा केंद्र ने सभी प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों को लेटर लिखा गया कि उनके यहां सभी शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ का चारित्रिक व पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं। भोपाल में नर्सरी, प्राइमरी, मीडिया, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या 1560 है। वहीं, 433 मदरसे हैं। एक स्कूल या मदरसे में औसत 20 कर्मचारियों का स्टाफ के हिसाब से मानें, तो करीब 40 हजार लोगों का स्टाफ है। इनका वेरिफिकेशन करवाया गया।
इनका वेरिफिकेशन कराया विषय विशेषज्ञ शिक्षक, खेल शिक्षक, केयर टेकर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, गार्ड, सफाईकर्मी, माली, बस ड्राइवर, कंडक्टर, बिजलीकर्मी, क्लीनर।
यह खबर भी पढ़ें…
7 सदस्यीय टीम मंथन में जुटी; मान्यता रद्द नहीं तो क्या करेगा प्रशासन
भोपाल के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली 3 साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। आरोपी उसी स्कूल का टीचर। 6 दिन में 2 प्रदर्शन हुए। दो जांचें भी हुईं। इनमें से एक में स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई। दूसरी जांच में स्कूल में पढ़ने वाले 324 बच्चों के भविष्य की चिंता और मान्यता को लेकर मंथन चल रहा है। फिलहाल स्कूल सील है। 7 सदस्यीय टीम यह तय करने में जुटी है कि इन 324 बच्चों के भविष्य का क्या होगा? पढ़े पूरी खबर
[ad_2]
Source link