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हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार भाजपा के सरकार बनाने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि अब देश और अधिक गड्ढे में जाएगा। दरअसल बीकेयू नेता राकेश टिकैत को भी उम्मीद थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। टिकैत ने खुले तौर पर भले ही कांग्रेस के लिए वोट नहीं मांगा, लेकिन अंदरखाने कहीं न कहीं वह कांग्रेस को समर्थन दे रहे थे। यही कारण है कि हरियाणा में जब बीजेपी की सरकार बनने वाली है, तो राकेश टिकैत भड़क उठे।
टिकैत ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ इतनी नाराजगी के बाद भी अगर वह जीत जाती है, तो देश पूरा बिक जाएगा, देश गड्ढे में चला जाएगा। टिकैत ने कहा कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि हरियाणा की जनता बीजेपी से इतनी नाराज थी, फिर भी उसी की सरकार बन रही है। पता नहीं यह कैसे हो जाता है। हमें नहीं लग रहा है कि बीजेपी को जनता ने मौका दिया है, कुछ न कुछ इसमें घालमेल जरूर है। सरकार कैसे बनाने ही, इसके लिए हर संभव तरीके केंद्र इस सरकार को पता है। लोगों को कैसे तोड़कर सरकार बनानी है, यह गणित इस सरकार को अच्छी तरह आता है। राकेश टिकैत ने चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वे निष्पक्षता से चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास चुनाव जीतने के कई तरीके हैं, और वह इन तरीकों का इस्तेमाल करके चुनावों में धांधली कर सकती है।
टिकैत ने की थी सत्ताधारी बीजेपी की हार की भविष्यवाणी
राकेश टिकैत ने कहा कि चुनाव परिणामों से पहले बीजेपी की हार की भविष्यवाणी की थी। टिकैत ने कहा था कि हरियाणा चुनाव में सरकार का बड़ा नुकसान होने जा रहा है। हरियाणा में अब बीजेपी सरकार नहीं बनने वाली है। हरियाणा की जनता बीजेपी सरकार के खिलाफ साइलेंट होकर चुनाव लड़ रही है। टिकैत ने हरियाणा में बीजेपी की हार के पीछे का कारण किसान आंदोलन बताया। किसान नेता ने कहा था कि किसानों का आंदोलन भले ही दिल्ली में हुआ लेकिन उसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा में हुआ था। इसका असर हरियाणा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
‘हरियाणा के मतदाताओं ने किसानों के विरोध को नजरअंदाज किया’
वहीं, पंजाब महिला मोर्चा की प्रधान जयइंद्र कौर ने कहा कि पंजाब में लोकसभा चुनाव दौरान भाजपा को बेशक हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वोटबैंक में भाजपा ने 18 फीसद से अधिक का वोटबैंक स्थापित करने में सफलता हासिल की थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी किसान संगठनों का जबरदस्त विरोध विधानसभा चुनाव दौरान देखने को मिला, लेकिन हरियाणा के मतदाताओं ने किसानों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए अपने सुनहरी भविष्य को प्राथमिकता देते हुए भाजपा को लगातार तीसरी बार मौका दिया।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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