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हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल करके कांग्रेस को चारों खाने चित कर दिया। कांग्रेस को इस हार का बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था, ये चुनाव परिणाम उसके लिए चौंकाने वाले थे। एग्जिट पोल में अच्छी खबर मिलने के बाद कांग्रेस लगातार दावा कर रही थी कि हरियाणा में वो कम से कम 60 सीट जीत रही है। हालांकि मतगणना के बाद कांग्रेस के खाते में 37 सीट ही आ पाए। भाजपा ने 48 सीट जीतीं। भाजपा की इस जीत के बावजूद सीएम नायब सिंह सैनी के आठ मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए। इसमें वित्त मंत्री जय प्रकाश, कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर, स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता और ज्ञानचंद गुप्ता शामिल हैं।
हरियाणा में हैट्रिक के बावजूद भाजपा के दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा पाए। इसमें शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा, कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर, सिंचाई मंत्री अभय सिंह यादव, असीम गोयल, स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता समेत आठ मंत्री शामिल हैं।
एक नजर, इन भाजपा दिग्गजों की सीटों पर और यहां किसने बाजी मारी-
हरियाणा की थानेसर विधानसभा सीट से भाजपा कैंडिडेट और शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा को कांग्रेस के अशोक अरोड़ा ने 3 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया। कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर जगाधारी सीट से चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के अकरम खान ने सात हजार से ज्यादा वोटों के अंतर करारी शिकस्त दी। भाजपा उम्मीदवार और सिंचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री अभय सिंह यादव नांगल चौधरी सीट से चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार मंजू चौधरी ने 6 हजार से ज्यादा वोटों से हराया।
अंबाला सीट से भाजपा कैंडिडेट और पंचायत राज्य मंत्री असीम गोयल भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। उन्हें कांग्रेस के निर्मल सिंह ने 11 हजार वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया। वित्त मंत्री जय प्रकाश को लोहारू सीट से कांग्रेस के राजबीर फरतिया ने हराया। हालांकि फाइट काफी टाइट रही और वोटों का अंतर 792 रहा। स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता को हिसार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल ने हराया। खेल राज्य मंत्री संजय सिह को नूंह सीट से कांग्रेस के आफताब अहमद ने हराया। इस सीट पर संजय सिंह की जमानत तक जब्त हो गई। विधानसभा अध्यक्ष रहे ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला सीट नहीं बचा पाए। उन्हें भजनलाल के बेटे और कांग्रेस कैंडिडेट चंद्रमोहन बिश्नोई ने 1997 वोटों के अंतर से हराया।
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