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नई दिल्ली, पीएफआरडीए ने एनपीएस सदस्यों के लिए संतुलित जीवन चक्र निधि (बीएलसी) शुरू की है। अब सदस्य 45 वर्ष की आयु तक अपने योगदान का 50% इक्विटी में निवेश कर सकेंगे। यह फंड विशेष रूप से निजी क्षेत्र के…
नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो। पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एनपीएस सदस्यों के लिए नया निवेश फंड शुरू किया है। इसे संतुलित जीवन चक्र निधि (बीएलसी) नाम दिया गया है। इसके जरिए एनपीएस सदस्य अब 45 वर्ष की आयु तक अपने कुल योगदान का 50% हिस्सा इक्विटी में निवेश कर पाएंगे। इससे उन्हें सुरक्षित तरीके से अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। हाल ही जारी पीएफआरडीए के सर्कुलर के मुताबिक, इस निवेश फंड को खास तौर से निजी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए तैयार किया गया है। इससे उन्हें संतुलित निवेश के अधिक विकल्प मिल पाएंगे। इस फंड में कंपनी के माध्यम से कॉरपोरेट एनपीएस खाता खुलवाने वाले कर्मचारी और व्यक्तिगत खाता खुलवाने वाले आम नागरिक निवेश कर पाएंगे।
क्या है मौजूदा व्यवस्था
वर्तमान में एनपीएस सदस्यों को निवेश के लिए कई फंड योजनाओं के विकल्प मिलते हैं। इनके जरिए इक्विटी, सरकारी प्रतिभूति, कॉरपोरेट बॉन्ड और अन्य वैकल्पिक फंड में अनुपातिक निवेश किया जाता है। सदस्यों को ऑटो चाइस फंड के तहत एलसी-50 विकल्प में 35 वर्ष की आयु तक ही इक्विटी में 50 फीसदी तक निवेश की अनुमति है। नए बीएलसी फंड को ऑटो चाइस विकल्प में ही जोड़ा गया है, जहां अब 45 वर्ष की आयु तक इक्विटी में अधिक निवेश कर पाएंगे।
पीएफआरडीए ने यह भी स्पष्ट किया है कि एनपीएस के तहत उपलब्ध मौजूदा विकल्प जैसे कि एक्टिव और ऑटो विकल्प में अन्य कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकारी कर्मचारी भी लाभ उठा सकेंगे
प्रस्तावित एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत जोखिम उठाने वाले सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी बीएलसी का लाभ उठाया जा सकता है, जो सेवा के अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन के 50% की दर से गारंटीकृत पेंशन के बिना उच्च रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं। यूपीएस के तहत, डिफ़ॉल्ट निवेश विकल्प चुनने वाले ग्राहकों को गारंटीकृत पेंशन मिलेगी।
नए निवेश फंड के फायदे
1. नया संतुलित जीवन चक्र (बीएलसी) फंड एनपीएस ग्राहक की आयु और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियों और कॉर्पोरेट बांड में स्वचालित तरीके से निवेश को संचालित करेगा।
2. इसमें इक्विटी आवंटन 45 वर्ष की आयु तक 50 प्रतिशत पर बना रहेगा। बाकी 50 फीसदी रकम सरकारी प्रतिभूति, कॉरपोरेट बॉन्ड और अन्य फंड में निवेश की जाएगी।
3. 45 के बाद और 55 वर्ष की आयु तक इक्विटी में निवेश 35 प्रतिशत तक सीमित हो जाएगा। बाकी रकम अन्य मदों में जाएगी।
एनपीएस के तहत मौजूदा निवेश विकल्प
वर्तमान में, एनपीएस योजना निवेशक को एक्टिव और ऑटो विकल्प के बीच चयन करने की अनुमति देती है।
1. एक्टिव चॉइस फंड
इसके तहत एनपीएस सदस्य अपनी पसंद के अनुसार अंशदान राशि का निवेश अपनी मर्जी के अनुसार कर सकता है। इस फंड में निवेशक 50 वर्ष की आयु तक अपने योगदान में से अधिकतम 75% हिस्सा इक्विटी में निवेश कर सकता है। शेष 25% हिस्सात सरकारी प्रतिभूतियों, कॉरपोरेट बॉन्ड और वैकल्पिक निवेश फंड में आवंटित करना होता है। इसके बाद 60 वर्ष की आयु में इक्विटी आवंटन 50% तक कम हो जाता है।
2. ऑटो चॉइस विकल्प
इस विकल्प को जीवन चक्र निधि (बीएलसी) के नाम भी जाना जाता है। इनमें निवेशकों को तीन विकल्प मिलते हैं। नया चौथा विकल्प इसी में जोड़ा गया है।
1. कंजर्वेटिव फंड (एलसी-25) : 25% इक्विटी में आवंटन
2. मॉडरेट फंड (एलसी -50): 50% इक्विटी में आवंटन
3. एग्रेसिव फंड (एलसी-75): 75% इक्विटी में आवंटन
4. बैलेंस फंड (बीएलसी): 45 वर्ष की आयु तक 50% इक्विटी मे आवंटन
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