[ad_1]
शासकीय कैंसर अस्पताल के मरीजों को बड़ी राहत मिलने वाली है। 20 साल बाद आखिरकार लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीदी का रास्ता साफ हो गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मशीन खरीदी का टेंडर फाइनल कर दिया है। पीजी अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट के तहत यह मशीन मिलेगी। इंदौर क
.
लीनियर एक्सीलरेटर के टेंडर तो फाइनल हो गए, लेकिन इसमें एक चुनौती और है। दरअसल, नई मशीन के लिए बंकर बनना बाकी है। पुराने अस्पताल के पास ही नई बिल्डिंग बन रही है। इसी में नया बंकर भी बनाया जाना है। काम शुरू कर दिया है, लेकिन अभी रफ्तार धीमी है। डॉक्टर चाहते हैं कि नई बिल्डिंग भले ही बनती रहे, लेकिन बंकर का काम पहले करवा दिया जाए, ताकि मशीन खरीदी में कोई अड़चन नहीं आए।
बंकर बनने के बाद लीनियर की खरीदी के ऑर्डर दिए जाएंगे। ऑर्डर के बाद मशीन को आने और इंस्टॉल होने में महीनों लगेंगे। इसीलिए निर्माण एजेंसी पीआईयू से बात की जा रही है कि पहले बंकर बना दिया जाए। जिस कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है, उससे 2 साल के अंदर ही मशीन खरीदना होगी। टेंडर 2 साल के लिए मान्य होगा। अगर 2 साल में यह नई मशीन नहीं खरीदी जाती है तो दोबारा टेंडर करना होगा।
एजेंसी से कहा है, पहले बंकर बनाकर दे ^हम निर्माण एजेंसी के संपर्क में हैं। उन्हें बताया है कि पहले बंकर बना दिया जाए, ताकि लीनियर एक्सीलरेटर के इंस्टॉलेशन सहित सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। उन्होंने आश्वासन दिया है कि बंकर सबसे पहले और जल्दी बनाकर दे दिया जाएगा। – डॉ. ओपी गुर्जर, उप अधीक्षक, कैंसर हॉस्पिटल
भास्कर नॉलेज – कोबाल्ट थैरेपी में स्वस्थ सेल प्रभावित होने की आशंका, लीनियर एक्सीलरेटर मशीन टारगेट सेल ही नष्ट करती है
- वर्तमान में शासकीय कैंसर हॉस्पिटल में कोबाल्ट मशीन से मरीजों को रेडिएशन दिया जाता है। इससे कैंसर प्रभावित सेल के अलावा स्वस्थ सेल के भी क्षतिग्रस्त होने की आशंका रहती है। वहीं लीनियर एक्सीलरेटर मशीन सिर्फ कैंसर कारक सेल को ही नष्ट करती है।
- डॉ. ओपी गुर्जर के मुताबिक कोबाल्ट थैरेपी से 2D प्लानिंग द्वारा ट्रीटमेंट किया जाता है। कई बार थ्री डाइमेंशनल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है जैसे 3डी-सीआरटी, आईएमआरटी, आईजीआरटी, वीमेट आदि। यह हाईटेक लीनियर एक्सीलरेटर से ही संभव है।
- कोबाल्ट मशीन पर प्रतिदिन औसत (पिछले 1 साल का) 70 मरीजों की रेडियोथैरेपी की जा रही है। लीनियर एक्सीलरेटर लग जाने के बाद प्रतिदिन 115 से 120 मरीजों की थैरेपी हो सकेगी।
- निजी में लीनियर एक्सीलरेटर से इलाज कराने का खर्च 70 हजार से 1 लाख 70 हजार तक है। जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उनका भी शासकीय कैंसर चिकित्सालय में वर्तमान में सारा इलाज फ्री है और लीनियर एक्सीलरेटर लगने के बाद भी फ्री रहेगा।
- 105 बेड के शासकीय कैंसर चिकित्सालय में प्रत्येक वर्ष औसत 3500 मरीजों का इलाज रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी व सर्जरी द्वारा किया जा रहा है। 321 बेड के नए कैंसर अस्पताल में वर्तमान से 3 से 4 गुना ज्यादा मरीजों का उपचार हो सकेगा।
बंकर इसलिए जरूरी… कैंसर सिंकाई की मशीनों से निकले रेडिएशन को रोकता है कैंसर सिंकाई के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनों से बहुत ज्यादा मात्रा में रेडिएशन निकलता है। इसे रोकने के लिए मशीन को बिल्डिंग के बेसमेंट में इंस्टॉल किया जाता है। मशीन को जिस बंकरनुमा कमरे में रखा जाता है, उसकी दीवारें 10 फीट तक फीट चौड़ी बनाई जाती हैं। दीवार पर एल्युमीनियम की मोटी परत चढ़ाई जाती है। विशेष रसायन मिले पेंट किए जाते हैं, जिससे रेडिएशन बाहर न आए।
[ad_2]
Source link