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जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर की कार्डियक अरेस्ट (हार्ट अटैक) से मौत हो गई। मामला दो दिन (5 अक्टूबर) पुराना है। घटना हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में हुई। ओटी में महिला डॉक्टर को दिल का दौरा आया और मौ
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सूत्रों का कहना है एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में काम करने वाली डॉक्टर गरिमा की मौत हुई। डॉ. गरिमा को जब हार्ट अटैक आया, वह ओटी के वॉशरूम में थीं। अटैक आने के बाद वह वहीं बेहोश होकर गिर गई थीं। जब थोड़ी देर तक वह ओटी में नहीं पहुंची तो उन्हें वहां मौजूद स्टाफ और डॉक्टरों ने आवाज लगाई।
सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की आवाज लगाने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं आया तब दरवाजा खोलकर डॉक्टर को बाहर निकाला। उनको सीपीआर और जरूरी ट्रीटमेंट देकर बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन बच नहीं सकी।
इस मामले में हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया। महिला डॉक्टर स्वयं ज्यादातर कार्डियक डिपार्टमेंट के ऑपरेशन के दौरान मरीजों को एनेस्थीसिया और सीपीआर देती थीं।
इन डॉक्टर्स की भी पहले हो चुकी है मौत
- डॉ. सौरभ माथुर, सीनियर आर्थो सर्जन- एसएमएस अस्पताल जाने से पहले सुबह के सारे दैनिक कार्य किए थे। बैडमिंटन खेलने के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
- डॉ. अरुण गर्ग, एमडी मेडिसिन- रोज 3 किमी घूमने और खेलने का रूटीन था। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ग्राउंड में खेलते समय हार्टअटैक से मौत हो गई थी।
- डॉ. राजाराम- रात को साइलेंट अटैक आने के बाद मौत हो गई थी।
- डॉ. आरके गुप्ता- अचानक ब्रेन स्ट्रोक के बाद 17 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद मौत हो गई थी।
- डॉ. जितेंद्र, फिजिशियन- युवा डॉक्टर, लेकिन घर पर ही अटैक आया, अस्पताल में मौत हुई थी।
ऐसे पहचानें हार्ट अटैक का खतरा : 70 प्रतिशत लोगों को पहले से सिग्नल मिल जाता है
डॉ. अजीत बाना कहते हैं कि हार्ट अटैक एकदम से नहीं आता है। 70 प्रतिशत लोगों को 6 महीने पहले से ही सिग्नल मिलना शुरू हो जाते हैं। लेकिन लोग उस पर ध्यान नहीं देते है। डॉ. बाना ने हार्ट अटैक के कुछ ये सिग्नल बताए…
- पेट में भारीपन होना, गैस का बढ़ना, छाती में जकड़न होना, छाती से जकड़न शुरू होकर बाएं हाथ की तरफ तक बढ़ जाती है।
- फिर जबड़े में जकड़न और गले के ऊपर हिस्से में दर्द शुरू होता है।
- हार्ट का पेन जकड़न की तरह होता है। जैसे कोई बुलबुला पेट से होते हुए ऊपर हार्ट की तरफ बढ़ता है।
- काफी लोगों को एक साल से दो साल पहले ही पता लग जाता है, लेकिन इसे गैस की दिक्कत समझकर लोग चूर्ण की गोली खाने लग जाते हैं। उन्हें लगता है कि गैस की वजह से दर्द हो रहा है।
बचाई जा सकती है CPR से जान
डॉक्टर्स के अनुसार अगर कोई अचानक डांस करते हुए, दौड़ते हुए नीचे गिर जाए तो उसके पैर तुरंत ऊपर कर देने चाहिए। उसे सीधे लिटा कर उसकी छाती को तेजी से दबाना चाहिए। उसको खुली हवा में रखना चाहिए। तुरंत भीड़ हटाकर CPR देना चाहिए। ऐसा करके 50 से 70 प्रतिशत लोगों को तुरंत बचाया जा सकता है।
फिर उसे तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए भेज देना चाहिए। पुलिसकर्मियों से लेकर कई विभाग के कर्मचारियों को CPR के बारे में ट्रेनिंग दी गई है। गली-मोहल्लों में भी युवाओं को CPR देना सीखना चाहिए। इससे लोगों को हार्ट अटैक से बचाया जा सकता है।
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