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अग्रिम अंतरिम जमानत अर्जी प्रभारी जिला जज की अदालत में सोमवार को प्रस्तुत की गई।
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी शहर के मंदिरों से साईं प्रतिमा जबरन हटवाने और उन्हें तोड़ने के आरोपी सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा की अग्रिम अंतरिम जमानत अर्जी प्रभारी जिला जज की अदालत में सोमवार को प्रस्तुत की गई। अदालत ने पत्रावली पर सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर की तिथि नियत की है।
बड़ी पियरी निवासी अजय शर्मा बीते दो महीने से शहर के मंदिरों से साईं प्रतिमा हटवा रहे थे। वह 14 मंदिरों से साईं प्रतिमा हटवा चुके थे। बीते तीन अक्तूबर की भोर में अचानक पुलिस ने अजय शर्मा को हिरासत में लिया। अजय का चौक थाने की पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में चालान किया।
इसके बाद चौक और सिगरा थाने में धार्मिक भावनाओं को आहत करने सहित अन्य आरोपों में दो मुकदमे दर्ज किए गए। उन्हीं दोनों मुकदमों में अजय शर्मा की अग्रिम अंतरिम जमानत अर्जी प्रभारी जिला जज की अदालत में प्रस्तुत की गई। उधर, चौक थाने की पुलिस की न्यायिक रिमांड की अर्जी पर अदालत ने मंगलवार को अजय शर्मा को जिला जेल से तलब किया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है पुलिस
अजय शर्मा के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कहा कि कमिश्नरेट की पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है। शांतिभंग के आरोप में अजय को गिरफ्तार किया गया। इस पर जमानत के लिए अर्जी दी गई। मगर, तकनीक के इस दौर में भी शनिवार से सोमवार तक जमानतदारों का सत्यापन ही हो रहा है।
अजय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की जिन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है। अधिकतम सात साल की सजा तक वाले अपराध के आरोपी को गिरफ्तार ही नहीं किया जा सकता है, लेकिन पुलिस ने मनमानी की। गत मार्च महीने में अजय की ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। ऐसे में यदि अजय को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत हुई तो उसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी।
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