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नागौर शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से 4 बस्तियों का पद संचलन किया गया। 12 अक्टूबर को भी 4 बस्तियों में पथ संचलन के कार्यक्रम होंगे। नागौर जिला मुयालय को संघ की संगठन योजना के अनुसार 16 बस्तियों में बांटा गया है। इस हिसाब से 4 बस्तियों में स्
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एक समान गणवेश में कंधे पर दंड लेकर सधे कदमों से स्वयंसेवकों ने संचलन किया। संघ के गुरु प्रतीक भगवा ध्वज के सामने घोष के देशी वाद्य आणक, पण्णव, बंसी, झांझ व त्रिभुज से संघ रचना का वादन किया, स्वयंसेवकों ने कदमताल करते हुए शहर के प्रमुख मार्गों में संचलन किया। बालसमंद बस्ती का संचलन बालसमंद संघ स्थान से प्रारंभ हुआ। संचलन से पहले संघ के पदाधिकारियों नागौर सह विभाग कार्यवाह संजय कुमार, विभाग बौद्धिक प्रमुख किशन नारायण व नगर कार्यवाह रामावतार ने शस्त्र पूजन किया। शस्त्र पूजन के बाद विभाग बौद्धिक प्रमुख ने विजयादशमी पर्व का महत्व बताते हुए डॉ. हेडगेवार की ओर से संघ की स्थापना के मूल उद्देश्य के बारे में बताया।
इसी प्रकार बड़ली, आवासन मंडल व शारदापुरम बस्तियों के भी स्वयंसेवकों ने अपने-अपने संघ स्थान से संचलन किया। शारदापुरम में मुख्य वक्ता सूरजमल भाटी ने कहा कि 1925 में स्थापित संघ का इस साल शताब्दी वर्ष है। इस सौ साल की यात्रा में भारत के लोगों ने संघ को आदर और मजबूती दी है। संघ के स्वयंसेवक सैकड़ों की संख्या में सेवा व सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। शताब्दी वर्ष में स्वयंसेवक संघ कार्य को बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग करने जैसे सामाजिक सरोकार भी बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही परिवार में आपसी संवाद व स्व आधारित तंत्र, देशी भाषा, स्वदेशी भोजन, स्वदेशी वस्तुओं के सर्वाधिक उपयोग का आह्वान किया।
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