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Israel-Lebanon War: मिडिल ईस्ट में इस समय संघर्ष बढ़ता जा रहा है. यहां पर महायुद्ध के बादल और घने होते जा रहे हैं. इजरायल एक साथ अपने दुश्मन से कई फ्रंट पर लड़ रहा है. मौजूदा वक्त में इजरायल 7 फ्रंट पर लड़ रहा है.
हाल में ही ईरान ने इजरायल पर हमला किया था. इसके बाद से ये संघर्ष अपने सबसे खतरनाक पड़ाव पर पहुंच गया है. इजरायल ने साफ कर दिया है कि वो इस हमले का बदला जरुर लेगा. वहीं, ईरान के सुप्रीम कमांडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजरायल को धमकी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वो फिर से इजरायल पर हमला करेगा
हिजबुल्लाह को नेस्तानाबूद करने पर अमादा इजरायल
इजरायल ने हिजबुल्लाह के हथियार डिपो पर हमला कर रहा है. इजरायल की कोशिश हिजबुल्लाह के सप्लाई को पूरी तरह से खत्म करने में है. इसके लिए वो अपने MOAB बम का इस्तेमाल कर रहा है. MOAB बम गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक बमों में होती है. इसे मदर ऑफ ऑल बम भी कहते हैं. इसका इस्तेमाल अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएस की सुरंगों और टनल को निशाना बनाने के लिए किया था.
इसके अलावा इजरायल बेरूत के दहिया इलाके को निशाना बना रहा है. यहां पर इजरायल ने 30 से ज्यादा हमले किए हैं. इसे हिजबुल्लाह के पूर्व चीफ नसरल्लाह का गढ़ कहा जाता है. दहिया इलाके में 10 लाख से ज्यादा शिया आबादी के लोग रहते हैं.
हिजबुल्लाह को दिया 440 वाल्ट का झटका
इजरायली डिफेंस फोर्स ने अपने बयान में कहा है कि उसने अभी तक हिजबुल्लाह के 440 से ज्यादा लड़ाकों को ढेर कर दिया है. इसके अलावा दक्षिणी लेबनान में इजरायल की आर्मी ने 250 मीटर लंबी सुरंग को नष्ट कर दिया है. दक्षिणी लेबनान में ऐसी कई सुरंग हैं, जहां हिज्बुल्लाह के लड़ाके अभी भी अपना ठिकाना बनाए हुए हैं. . ये सभी सुरंग भीड़ भाड़ इलाकों में है, जहां ऊपर रिहायशी इलाके हैं. ये सुरंगे ही हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा हथियार है, जहां से वो प्रॉक्सी वॉर करता है. हिजबुल्लाह के लड़ाके हमला करके यही पर छिप जाते थे. इजरायली सेना ने अभी तक 2200 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया है.
98वें डिवीजन को किया गया तैनात
इजरायली सेना ने लेबनान में हिजबुल्लाह को खत्म करने के लिए अपने 98वें डिवीजन को तैनात किया है. इस डिवीजन में हजारों की संख्या में पैदल सैनिक, आर्मर्ड व्हीकल, आर्टिलरी यूनिट के साथ पैराट्रूपर्स ब्रिगेड और कमांडो ब्रिगेड शामिल हैं. ये यूनिट इतनी खतरनाक है कि इसका नाम सुनते ही हिजबुल्लाह कांपने लगता है. वहीं, बढ़ते संघर्ष के बीच बीते एक महीने में 3 से 4 लाख लोगों को लेबनान छोड़कर भागना पड़ा है.
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