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– फोटो : amar ujala
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बड़े शहरों की तर्ज पर अब छोटे शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत सरकार नगर पालिका परिषदों में यातायात अभियंताओं की भर्ती की जाएगी। ये अभियंता शहरों के विकास के साथ ही यातायात व्यवस्था सुधारने में भी भूमिका निभाएंगे। यातायात अभियंता शहरों में जाम की स्थिति और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में वाहनों के संचालन की व्यवस्था में सुधार का प्लान तैयार करने का काम करेंगे। साथ ही सड़कों और चौराहों के चौड़ीकरण के लिए भी प्लान बनाएंगे।
दरअसल नगर निगमों में ही यातायात अभियंता रखने की व्यवस्था है जबकि केंद्र सरकार की तरफ से छोटे नगर निकायों वाले शहरों में जीवन स्तर सुधारने को लेकर तमाम तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत बड़े नगर निकायों में तो जरूरत के मुताबिक कर्मियों की नियुक्ति की गई है, लेकिन नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में कर्मचारियों की भारी कमी है। इस वजह से छोटे निकायों में केंद्र सरकार की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। अब केंद्र के निर्देश पर नगर विकास विभाग की ओर से नगर पालिका परिषद वाले शहरों में सबसे पहले यातायात व्यवस्था सुधारने पर फोकस किया गया है। इसी कड़ी में पहले चरण में परिषदों में अधिकारियों के साथ ही अभियंताओं की नियुक्ति करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इसके साथ ही शहरी सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सैनिटेशन अधिकारियों को रखा जाएगा। कुत्तों और आवारा पशुओं की देखरेख व पशु स्वास्थ्य केंद्र चलाने के लिए पशु चिकित्सकों को रखा जाएगा। अभी तक नगर निगमों में ही पशु चिकित्सक रखे जाने की व्यवस्था है। स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को ठीक कराने के लिए विद्युत यांत्रिक अभियंताओं को रखा जाएगा।
शासन का मानना है कि इन पदों पर भर्तियां हो जाने के बाद प्रस्ताव बनाना आसान हो जाएगा, जिससे बजट मिलने में आने वाली बाधा दूर हो जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका परिषदों में यूपी पालिका ट्रैफिक और ट्रासंपोर्ट अभियंता रखने का फैसला किया गया है। पहले चरण में हर पालिका परिषद में एक-एक अभियंताओं को रखा जाएगा और बाद में जरूरत के आधार पर पदों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
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