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दैनिक भास्कर के ‘अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव-2024’ के रंग में पूरा शहर डूबा नजर आ रहा है। तीसरे दिन भी लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। भेल दशहरा मैदान में रात 8 बजे से भक्ति के उल्लास का पर्व यानी अभिव्यक्ति गरबा शुरू हुआ, जो देर रात तक चला। यहां हर कोई
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गरबा महोत्सव के तीसरे दिन की कुछ खास झलकियों की बात की जाए तो यहां पर एक ग्रुप ‘अभिव्यक्ति के शोले’ सर्कल में गरबा करते नजर आया। इसमें जय-वीरू के अलावा गब्बर, बसंती और सूरमा भोपाली के अंदाज में युवा दिखे। जो गरबा करते नजर आए।
इस ग्रुप में शामिल सदस्यों ने बताया कि हम सभी लोग इस साल प्रैक्टिस सेशन में पहली बार एक-दूसरे से मिले थे, जिसके बाद यह तय किया कि ज्यादा खर्च किए बिना नए अंदाज में गरबा करना है तो हमने यह ‘अभिव्यक्ति के शोले’ ग्रुप बनाया। हम सभी ने यहां ट्रेडिशनल ड्रेस पहनी है। जिसके पास जो था, उससे हमने इस तरह की तैयारी की।
अभिव्यक्ति के शोले ग्रुप।
एक्सपेरिमेंटल थीम पर बनाए ड्रेस 8 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव में पार्टिसिपेंट्स अलग-अलग थीम की ड्रेसेस में आ रहे हैं। रविवार को कई पार्टिसिपेंट्स ने मां दुर्गा के रूप में मेकअप किया था। कई एक्सपेरिमेंटल ड्रेसेस में पहुंचे तो कुछ रेट्रो ड्रेसेस में दिखाई दिए। इसके अलावा राजस्थानी, गुजराती गेटअप के साथ ही दूसरे ट्रेडिशनल लुक में भी लोग दिखाई दिए। तीसरे दिन लोग अलग-अलग तरह के आउटफिट्स में दिखे। कोई काठियावाड़ी, तो कोई गुजराती आउटफिट्स में नजर आया। इसके अलावा कई प्रतिभागियों ने आभूषणों में भी कई तरह के एक्सपेरिमेंट किए।
‘6 महीने का था तब पेरेंट्स कान में रुई लगाकर लाते थे’ गरबा में आए एक छात्र रुद्रांश ने बताया कि, जब मैं 6 महीने का था, तब मेरे पेरेंट्स कान में रुई लगाकर लाते थे। मैंने गरबा के लिए ट्रेडीशनल ड्रेस ली है। एक अन्य प्रतिभागी राखी राय ने बताया कि मैंने अपनी ड्रेस खुद डिजाइन की है। मैंने शिवलिंग के साथ इस कॉस्ट्यूम को तैयार किया है। इसे तैयार करने में 10 दिन लग गए। इसके अलावा यहां आए एक अन्य प्रतिभागी असीम जैन ने बताया कि, माता को अपने सिर पर बिठाया है, इस पूरी ड्रेस का वजन 30 किलो है।
अलग ही अंदाज में गरबा करते प्रतिभागी।
तमिल और पंजाब अंदाज भी खास अभय कैथवास ने बताया कि वह करीब 9 साल से अभिव्यक्ति में आ रहे हैं, हम सभी ने तय किया कि आज पंजाबी स्टाइल में आएंगे। इसलिए हम सब पंजाबी अंदाज में यहां पहुंचे। इसके अलावा गौरव सिंह राजपूत ने बताया कि यह हमारा पहला साल है। इसके लिए बहुत उत्साह है, हम सभी दोस्त साउथ इंडियन ड्रेस में आए हैं, यहां आकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है।
तमिल और पंजाबी ग्रुप पहुंचा गरबा खेलने।
गेट से लेकर गरबा सर्कल तक पैर रखने की जगह नहीं रविवार को अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव के गेट से लेकर गरबा सर्कल और फूड जोन तक पैर रखने तक की जगह नहीं थी। कई लोग तो परिवार के साथ फूड जोन में ही फैमिली और फ्रेंड्स संग जमकर थिरक रहे थे। महाआरती के बाद सबसे पहले सभी कंटेस्टेंट ने गरबा परफॉर्म किया। इसके बाद सभी ने खूब एंजॉय किया। यहां आईं एक प्रतिभागी सोनल ने बताया कि वह हर साल यहां आती हैं। यहां का फूड भी इस बार बहुत अच्छा लगा।
गरबा करते गब्बर, जय, वीरू और सूरमा भोपाल।
तस्वीरों में देखें अभिव्यक्ति के रंग…
बंजारा अंदाज में नजर आए प्रतिभागी।
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा अपनी पत्नी के साथ पहुंचे।
संदीप जैन, सुरभी जैन और ममता जैन।
बहरूपिया थीम में गरबा करते दिखे प्रतिभागी।
ट्रेडिशनल अंदाज में आए प्रतिभागी।
गरबा के दौरान यह अंदाज भी खास।
रुद्रांश ने तैयारी की गरबा थीम ड्रेस।
गरबा के लिए डिजाइन करवाई खास ड्रेस।
असीम जैन ने 30 किलो वजन की ड्रेस तैयार की।
गरबा से पहले फोटोग्राफी कर मेमोरीज को किया कैद।
यहां मिल रहे पास
- एमपी नगर जोन-1 स्थित मिलन स्वीट्स, 10 नंबर मार्केट स्थित समीर मोबाइल, इंद्रपुरी स्थित शर्मा एंड विष्णु फूड स्टॉल
- बावड़िया कलां, होशंगाबाद रोड, लालघाटी, बैरागढ़, पटेल नगर, प्लेटिनम प्लाजा और 7 नंबर स्थित शर्मा विष्णु फूड स्टॉल
- कपल का एक दिन का पास (ऑनलाइन) 450 रुपए और काउंटर पास 490 रुपए है। नीचे स्कैन कर भी आप पास बुक कर सके हैं…
आयोजन स्थल पर ऐसी है व्यवस्था…
5 दिवसीय महोत्सव की खबर सीधे आप दैनिक भास्कर ऐप पर भी पढ़ सकते हैं, इसके लिए नीचे क्यूआर कोड स्कैन करें…
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