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यति नरसिंहानंद के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि डासना मंदिर के मुख्य पुजारी को पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा है। हालांकि पुलिस ने इस दावे का खंडन किया है।
यति नरसिंहानंद की आपत्तिजनक टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बीच उनके समर्थकों ने रविवार को आरोप लगाया कि डासना मंदिर के मुख्य पुजारी को पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा है। हालांकि पुलिस ने इस दावे का खंडन किया। पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) एनके तिवारी ने कहा कि नरसिंहानंद को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसके बाद कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बता दें कि ठाणे और हैदराबाद समेत अन्य राज्यों में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। वहीं यूपी के सहारनपुर में एक विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया जिसमें शेखपुरा पुलिस चौकी पर उपद्रवियों ने पथराव कर दिया। मुस्लिम संगठनों ने यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की है। वहीं बसपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस और सपा के नेताओं ने भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने मांग की है।
इस बीच, गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में कई हिंदू संगठनों के नेताओं ने बैठक की। शिवशक्ति धाम डासना में हिन्दू संगठनों और संतों की बैठक में नरसिंहानंद की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई। इसमें यति नरसिंहानंद गिरी को अवैध हिरासत में रखने का पुलिस पर आरोप लगाया गया। बैठक में किसान नेता सहदेव त्यागी, अनिल चौधरी, अक्षय त्यागी ने आरोप लगाया कि उपद्रवी तत्वों द्वारा महामंडलेश्वर की हत्या की कोशिश की जा सकती है।
बैठक में आचार्य महामंडलेश्वर सच्चिदानंद महाराज, ओम भारती, नरीशानंद समेत सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। संतों की ओर से विरोध में सात अक्तूबर की सुबह 11 बजे पुलिस लाइन स्थित कमिश्नर के ऑफिस पहुंचने की अपील की गई है। संतों की ओर से कमिश्नर दफ्तर में मंदिर पर हमला करने वालों के खिलाफ जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा।
यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी ने कहा- यति नरसिंहानंद गिरि की अवैध हिरासत पर हिंदू संगठनों ने चिंता व्यक्त की है। वहीं बैठक में किसान नेता सहदेव त्यागी ने दावा किया कि यति नरसिंहानंद गिरि को वेव सिटी पुलिस ने दबाव में डासना मंदिर से हटाया है। उनको बम्हेटा गांव में उनके शिष्य राजेश पहलवान के घर ले जाया गया है। पुलिस उन्हें पुलिस लाइन में ले गई और दो दिनों तक अवैध रूप से रखा, लेकिन अब वे वहां नहीं हैं।
किसान नेता सहदेव त्यागी ने कहा कि यति नरसिंहानंद गिरि को अदालत में पेश नहीं किया गया है। यदि उनके साथ कुछ भी गलत होता है, तो इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी। कल इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस बीच पुलिस का बयान सामने आया है। पुलिस का कहना है कि यति नरसिंहानंद के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) एनके तिवारी ने कहा कि उन्हें नरसिंहानंद के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। 3 अक्टूबर को सब-इंस्पेक्टर त्रिवेंद्र सिंह ने नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि 19 सितंबर को उन्होंने लोहिया नागा स्थित हिंदी भवन में एक कार्यक्रम के दौरान समुदाय विशेष के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी।
वेव सिटी थाने के डासना क्षेत्र के उपनिरीक्षक और क्षेत्र बीट प्रभारी भानु प्रकाश सिंह ने एक और एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें पुजारी के शिष्यों- डासना मंदिर के अनिल यादव छोटा नरसिंहानंद, यति रण सिंहानंद, यति राम स्वरूपानंद और यति निर्भयानंद पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। वेव सिटी थाने में उन पर बीएनएस की धारा 302 (आपराधिक धमकी) और 351 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(पीटीआई, हिन्दुस्तान संवाददाता के इनपुट पर आधारित)
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