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::सख्ती:: –दिल्ली सरकार 13 विभागों की 523 टीमों को तैनात करेगी –निर्माण स्थलों पर 14
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। राजधानी दिल्ली में सोमवार से धूल नियंत्रण को लेकर व्यापक अभियान शुरू होगा। इस दौरान खासतौर पर निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल पर विशेष निगरानी रहेगी। निर्माण स्थलों को लेकर जारी 14 नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए दिल्ली में कुल 523 टीमों को तैनात किया जाएगा। दिल्ली में इस बार मानसून का सीजन सामान्य से लगभग आठ दिन ज्यादा समय तक रहा है। इस दौरान खासतौर पर जून, अगस्त और सितंबर महीने में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। इसके चलते हवा भी खासी साफ-सुथरी रही। बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक कण काफी हद तक धुल गए, लेकिन अब मानसून की औपचारिक विदाई के बाद हवा की दिशा में बदलाव हुआ है और धूल उड़ाने वाली हवाएं भी चल रही हैं। इसके चलते प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार के तमाम विभाग सोमवार से व्यापक धूल रोधी अभियान की शुरुआत करेंगे। इस दौरान दिल्ली के 13 अलग-अलग विभागों की 523 टीमें दिल्ली भर में धूल नियंत्रण के उपायों को लागू कराएंगी।
500 वर्ग मीटर से ज्यादा के निर्माण का पंजीकरण अनिवार्यः
दिल्ली में 500 वर्ग मीटर से ज्यादा के सभी निर्माण स्थलों को सीएंडडी पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक पंजीकरण नहीं कराने वाले 20 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा के निर्माण स्थल पर दो लाख का जुर्माना और इससे नीचे के निर्माण स्थल पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। एंटी स्मॉग गन नहीं लगाने पर साढ़े सात हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा। वहीं, निर्माण स्थल पर धूल शमन उपाय नहीं करने पर 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र प्रोजेक्ट पर साढ़े सात हजार रुपये प्रतिदिन और उससे ज्यादा के क्षेत्र वाले प्रोजेक्ट पर 15 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
प्रदूषण में धूल की हिस्सेदारी 20 फीसदी तकः
राजधानी दिल्ली में धूल से होने वाला प्रदूषण एक बड़ा कारक है। अलग-अलग शोध बताते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण में धूल कणों की हिस्सेदारी औसतन 20 फीसदी तक रहती है। इसमें निर्माण स्थलों पर उड़ने वाली और सड़क पर उड़ने वाली दोनों ही तरह की धूल शामिल है।
मोबाइल ऐप से कर सकते हैं शिकायतः
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रीन दिल्ली मोबाइल ऐप लांच किया है। प्रदूषण पैदा करने वाले किसी भी स्रोत की फोटो खींचकर इस ऐप पर अपलोड कर शिकायत की जा सकती है। ग्रीन वार रूम के जरिए इन शिकायतों को संबंधित विभागों के पास भेजा जाता है।
इन नियमों का करना होगा पालनः
1. निर्माण स्थलों पर धूल रोकने के लिए टिन की ऊंची दीवार खड़ा करना जरूरी
2. पांच हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर एक, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर दो, 15 से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर तीन और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण स्थलों पर चार एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य
3. निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को तिरपाल या नेट से ढकना जरूरी
4. निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने-ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी
5. निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह ढकना जरूरी
6. निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण मलबा चिह्नित जगह पर डालना जरूरी, सड़क किनारे भंडारण प्रतिबंधित
7. किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखे
8. निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होना चाहिए। साथ में वेट जेट का उपयोग पत्थर काटने में किया जाए
9. निर्माण स्थलों पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव हो
10. 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट पर जाने वाली सड़क पक्की होनी चाहिए
11. निर्माण-ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट साइट पर ही रिसाइकिल किया जाए या फिर चिह्नित साइट पर निस्तारण किया जाए, इसका रिकॉर्ड रखना भी अनिवार्य
12. निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्क मास्क देना होगा
13. निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी कामगारों के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी
14. धूल कम करने के उपाय वाले दिशानिर्देशों के साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाने होंगे
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