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– परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ कार्यालय को जारी किए आदेश – परमिट नवीनीकरण
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। बिना व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन लगवाए अब टैक्सियों को परमिट या नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त के निर्देश पर टैक्सी यूनिट के डीटीओ ने सभी अधिकारियों को इसके लिए आदेश जारी किए हैं। इससे पहले फिटनेस के दौरान टैक्सियों में इस ट्रैकिंग सिस्टम की जांच की जाती थी, लेकिन अब नए वाहनों को इसके बिना परमिट भी नहीं मिलेगा। दिल्ली में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए करीब दो माह पहले टैक्सियों में नया ट्रैकिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया गया है। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी परिवहन विभाग ने एनआईसी को दी है। इससे पहले टैक्सियों में जीपीएस सिस्टम तो लगता था, लेकिन पैनिक बटन की अनिवार्यता नहीं थी। नए सिस्टम में टैक्सियों में भी पैनिक बटन लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। एक अक्तूबर को टैक्सी यूनिट के डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) ने आदेश जारी करके कहा है कि जिन टैक्सियों का नया पंजीकरण होगा, उनमें भी पहले पैनिक बटन और नया व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य होगा। इसके बिना टैक्सियों को परमिट जारी नहीं किया जाएगा। यानी अब दिल्ली की शत-प्रतिशत टैक्सियों में पैनिक बटन लगवाया जाएगा।
टैक्सी यूनियन कर रही विरोध
टैक्सी यूनियनों ने इस पर विरोध जताया है। उनका कहना है कि अभी एनआईसी की ओर से ट्रैकिंग करने वाला कंट्रोल रूम ही चालू नहीं हुआ है। इसके बावजूद बिना व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगवाए परमिट जारी करने पर रोक लगाना गलत है। उनका कहना है कि इस पैनिक बटन और नई ट्रैकिंग डिवाइस को लगवाने के लिए टैक्सी मालिक को तकरीबन 18 से 20 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे। ऑल दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि सभी अधिकांश टैक्सी किसी ने किसी मोबाइल एप पर आधारित ट्रैवल कंपनियों से संबद्ध है। उनका पूरा ब्योरा कंपनी के पास रहता है और बुकिंग करने वाले यात्री के पास भी रहता है। ऐसा टैक्सी चालक अगर कोई गलती करता है तो उसे पकड़ना मुश्किल नहीं है। ऐसे में पैनिक बटन लगवाने के नाम पर उनका खर्च क्यों बढ़ाया जा रहा है। उनका कहना है कि जिन वाहनों में पैनिक बटन लगे हैं, उनमें से अधिकांश वाहनों में यह निष्क्रिय हैं। ऐसे में सिर्फ पैनिक बटन और यह ट्रैकिंग डिवाइस बनाने वाली कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए इन्हें वाहनों में लगवाया जा रहा है।
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