राजेश तिवारी/अजित सिंह (संवाददाता)
ओबरा /सोनभद्र- श्री रामलीला समिति की ओर से चोपन बैरियर मोहल्ला में आयोजित रामलीला मंचन में शनिवार को कैकेई-राजा दशरथ संवाद का मंचन किया गया। रामलीला में दिखाया गया कि राजा दशरथ श्रीराम को अयोध्या नरेश बनाने का निर्णय लेते हैं। अयोध्या वासियों और मंत्रियों की सलाह से राम को राजा बनाने का निर्णय लिया गया। राजा दशरथ राम के राज्याभिषेक की आज्ञा लेने वशिष्ठ के पास गए और वहीं वशिष्ठ की आज्ञा मिलने के बाद अयोध्यावासी खुशी मनाने में जुट गए। राम को राजा बनाने की जानकारी दासी मंथरा को मिली तो वह रानी कैकई के पास पहुंची। मंथरा ने रानी कैकई की मति भ्रष्ट करते हुए राम को वनवास और भरत को राजा बनाने की सलाह दी। कैकई को राजा दशरथ द्वारा दिए गए वरदानों की याद दिलाई। मंथरा की सलाह से कैकई कोप भवन में चली गई। राजा दशरथ ने कैकई के पास जाकर दुख का कारण पूछा। कैकई ने दुख का कारण बताने के पहले राजा दशरथ से दिए गए वरदान को पूरा करने का वचन लिया। राजा दशरथ ने कहा वरदान को पूरा करने का वचन दिया। इसके बाद कैकई ने राम को 14 साल का वनवास और भरत को राजा बनाने की बात कही। वचन सुनकर राजा दशरथ ने कैकई को समझाने का प्रयास किया लेकिन कैकई नहीं मानी। इसके बाद राम का स्मरण करते हुए राजा दशरथ विलाप करने लगे। राम ने पिता दशरथ के दुखी होने का कारण पूछा। राजा दशरथ के वचन को पूरा करने के लिए राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के लिए चले गए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत प्रतिनिधि संजीव त्रिपाठी,चोपन मंडल उपाध्यक्ष धर्मेंद्र जायसवाल,रामलीला अध्यक्ष अजय सिंह,उपाध्यक्ष कामेश्वर विश्वकर्मा,व्यवस्थापक प्रवीण सिंह,कोषाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे,महेंद्र केसरी एल टी, मंच संचालन अरविंद दुबे, रावण प्रमुख राकेश मोदनवाल,विनोद साहनी,विनीत अग्रवाल,सुजीत शर्मा,मनमोहन निषाद,प्रमोद मोदनवाल आदि श्रद्धालुओं उपस्थित रहे।