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मेरा बेटा तो मस्जिद का मोज्जिम (साफ-सफाई करने वाला) है। बच्चों को उर्दू सिखाता है। वह बहुत सीधा है। वो कुछ गलत नहीं कर सकता। हम बहुत गरीब लोग हैं। मजदूरी से रोज का गुजारा होता है। पता नहीं ये क्या हो गया? क्यों हमारे बेटे को ले गए?
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ये पीड़ा है मेरठ के खिवाई कस्बे से पकड़े गए महकार (26) की मां आशिया की। वह बार-बार यही कह रही हैं कि कुछ गलतफहमी हो सकती है। उनका महकार कोई गलत काम नहीं कर सकता है।
दरअसल, महकार को NIA की टीम ने शनिवार को अरेस्ट किया है। मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा बताया जा रहा है। सोर्स कहते हैं कि मोज्जिम का लिंक पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से तलाशा जा रहा है।
महकार के बारे में उसके परिवार वाले क्या कहते हैं? उसकी गांव के लोगों के बीच कैसी शोहरत है, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम खिवाई कस्बे पहुंची…
दैनिक भास्कर टीम जब महकार के घर पहुंची, तो बाहर गांव के लोगों की मौजूदगी थी।
मेरठ मुख्यालय से 35 किमी. दूर नगर पंचायत खिवाई है। करीब 45 हजार आबादी वाले इस कस्बे में 19 हजार वोटर हैं। कस्बे में 75 फीसदी आबादी मुस्लिम है।
लोगों से महकार के घर का पता पूछा तो उन्होंने देखकर पूछा कि NIA वाला मामला क्या। हां…कहते ही लोगों ने चौड़ी सड़क से भीतर जा रही संकरी गली की तरफ इशारा कर दिया। गली के मोड़ पर आखिर में दाहिनी तरफ मकान के छोटे से गेट के बाहर लोग जमा थे। गेट से प्रवेश करते ही कमरे में महिलाएं और बच्चों की भीड़ दिखी। महिलाएं आ-जा रहीं थी। महकार की मां आशिया बार-बार एक ही बात कहे जा रही थी कि पता नहीं मेरे बच्चे को क्यों ले गए। न कोई जुर्म बताया न कोई सुबूत दिया। गाड़ी में बैठाकर ले गए।
संकरी गली में यह गेट ही महकार के घर का एंट्री गेट है।
5 साल पहले पिता के निधन के बाद बना था मस्जिद का मोज्जिम टीम को देखकर घर के पुरुष और मोहल्ले के लोग भी आ गए। गांव के कई जिम्मेदारों को बुला लिया। महकार की मां आशिया ने बताया- उनके पति मरहूम जमशेद बड़ी मस्जिद में मोज्जिम थे। 5 साल पहले उनका इंतकाल हो गया। इसके बाद उनके तीसरे नंबर के बेटे महकार को बड़ी मस्जिद में मोज्जिम रख लिया। महकार ने मदरसे में थोड़ी बहुत उर्दू की पढ़ाई की। वह मस्जिद में सफाई करने के साथ बच्चों को उर्दू भी सिखाता है।
गांव के लोगों के साथ रिश्तेदार भी घर में मौजूद थे। उन्होंने उस रात क्या-कुछ हुआ, सब बताया।
परिवार के लोगों को सोते हुए जगाया… लोगों के मुताबिक, शुक्रवार रात 1 बजे पुलिस की एक गाड़ी कस्बे में घूमकर गई। 3 बजे वज्र वाहन के साथ 6 गाड़ियों में बड़ी संख्या में पुलिस और सिविल ट्रेस में टीमें पहुंची। महलवाला मोहल्ले में संकरी गली को घेर लिया। टीम ने दरवाजा खटखटाकर सोते परिजनों को जगाया। गेट खोलते ही टीम पूरे घर में फैल गई। सबके मोबाइल कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी कि महकार कहां है?
परिवार वालों ने बताया कि वह तो रात को मस्जिद में सोता है। टीम भाई बाबू को लेकर मस्जिद पहुंची और बाहर बुलाकर महकार को हिरासत में लेकर घर ले आई।
टीम पूछती रही कि पिस्टल कहां है…खंगाला पूरा घर महकार की भाभी शहजहां ने बताया कि टीम ने महकार से पूछा कि पिस्टल कहां है? महकार ने कहा कि मेरे पास कुछ नहीं है। इसके बाद टीम ने पूरे घर को खंगाल डाला। संदूक, अलमारी सब खोल लिए। महकार का मोबाइल लेकर देखना शुरू कर दिया। सभी सदस्यों के मोबाइल जब्त कर लिए। महकार से टीम बार-बार हथियारों के बारे में पूछती रही लेकिन वह जानकारी से मना करता रहा। इसके बाद टीम तीन घंटे तक अकेले महकार से बात करती रही, इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती रही।
यही वो संदूक है, जिसको NIA की टीम ने खंगाला, मगर कुछ मिला नहीं।
4 घंटे की जांच के बाद महकार को साथ ले गई टीम भाई बाबू ने बताया – 3 घंटे तक टीम महकार से अलग कमरे में बात करती रही। टीम 4 घंटे घर में रही। सुबह 7.30 बजे टीम महकार को अपने साथ ले गई। एक जिम्मेदार के नाते उसके भाई जुबेर को भी साथ ले गई। परिवार वालों के मुताबिक उनको कुछ नहीं बताया कि महकार का कसूर क्या है। टीम कह गई कि जो होगा पता चल जाएगा।
खिवाई के पूर्व प्रधान शेरू प्रधान बताते हैं कि महकार बेहद शांत व्यवहार का है। वह कभी किसी से कुछ नहीं बोलता। ऐसे में किसी की समझ में कुछ नहीं आ रहा है। सभासद नूरेन ने बताया कि महकार के बारे में आज तक कोई शिकायत कभी कहीं नहीं मिली। ऐसे में NIA द्वारा उसे लेकर जाना, हैरान करने वाला है।
महकार की मां ने कहा- NIA वालों ने कुछ बताया नहीं, किस आरोप में ले गए बेटे को।
PM आवास योजना से बना है घर, मजदूरी करके पालते हैं परिवार महकार की मां आशिया 150 गज के मकान में 6 बेटों, 2 बहू और 4 पोते-पोतियों के साथ रहती हैं। परिवार बेटों की मजदूरी से ही चलता है। मकान में प्रवेश करते ही एक कमरा ईंटों का है। दूसरा आखिर में बना है। दो कमरे 2020 में पीएम आवास योजना के अंतर्गत बने हैं।
आशिया के सात बेटों में सबसे बड़ा इमरान (32) मजदूरी करता है। दूसरे नंबर का बाबू (29) ईंट ढुलाई करता है। तीसरे नंबर का महकार मस्जिद में मोज्जिम है। चौथे नंबर का महराज (24) गाजियाबाद के नाहल में मदरसे में बच्चों को पढ़ाता है। पांचवें नंबर का जुबेर (22) मजदूरी करता है। छठे नंबर का नूर आलम (20) आंखों की रोशनी चले जाने के कारण घर में रहता है। सातवें नंबर का शुऐब (18) मदरसे में पढ़ाई कर रहा है।
घर पर प्रधानमंत्री आवास योजना का बोर्ड लगा हुआ था।
महकार की बुआ का हुआ था पाकिस्तान में निकाह, तलाशा जा रहा कनेक्शन महकार के पिता जमेशद तीन भाई-बहन थे। दूसरे भाई इलियास का परिवार भी खिवाई में ही रहता है। बहन कल्लो का निकाह करीब 45 साल पहले पाकिस्तान में हुआ था। जमशेद की बीवी आशिया ने बताया कि उसके निकाह को 40 साल हो गए। इसके बाद ननद कल्लाे कभी गांव नहीं आई। खुफिया विभाग की टीम ने भी परिवार के लोगों से पाकिस्तान में बुआ के बारे में जानकारी ली। इसका भी इनपुट खंगाला जा रहा है कि कल्लो आखिरी बार कब भारत आई थी।
जब परिवार वालों से पूछा कि महकार मोबाइल में क्या-क्या इस्तेमाल करता है, तो परिवार वालों ने बताया कि इसके बारे में उनको नहीं पता। उनका कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि गलती से महकार ने कहीं कुछ लिख दिया हो, जिसके चलते वो शक के दायरे में आया हो। हालांकि वे इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं।
घर के अंदर दाखिल होते ही यह कमरा दिखता है। दीवारों पर प्लास्टर भी नहीं था।
NIA, यूपी ATS और IB… कुछ तो है बड़ा मामला NIA मस्जिद के मोज्जिम महकार से पूछताछ में जुटी है। शुक्रवार सुबह यूपी ATS और IB के ज्वाइंट ऑपरेशन में महकार को पकड़ा गया है। उसके पाक आतंकी कनेक्शन को लेकर तमाम खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं। महकार अकेला सस्पेक्ट नहीं है। देश के तमाम शहरों से NIA ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।
जैश-ए-मोहम्मद से भी खंगाला जा रहा लिंक खुफिया सूत्रों की मानें तो जैश-ए-मोहम्मद से भी इनका लिंक खंगाला जा रहा है। शक अगर सच में तब्दील हुआ तो वेस्ट यूपी में एक बार फिर से स्लीपिंग माड्यूल के नेक्सेस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
जिस तरह से यूपी ATS, NIA और IB की टीम ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया है उससे साफ है कि ये मामला बेहद गंभीर है। एटीएस की टीम का कहना है कि हम ऑपरेशन में शामिल थे, लेकिन पूरे मामले की इन्वेस्टिगेशन NIA कर रही है।
नाबालिग होने की वजह से एक को छोड़ा, एक अन्य से भी की पूछताछ टीम ने खिवाई के ही दूसरे घर में भी छापा मारा। यहां एक किशोर से कई घंटे तक पूछताछ की गई। उसके नाबालिग होने की वजह से टीम किशोर को साथ नहीं ले गई। किशोर के परिजन इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं। एक अन्य युवक से भी टीम ने कुछ देर तक पूछताछ की। दोनों के परिजन कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
पूरे प्रकरण में मेरठ जोन के ADG डीके ठाकुर का कहना है कि पुलिस को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। NIA की टीम इन्वेस्टिगेशन कर रही है।
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