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कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय चुनाव अभियान समिति के जनसंवाद में खरमंडल मच गया। करकेंद नहरू पार्क और कतरास में हुए जनसंवाद के दौरान जमकर बवाल हुआ। दोनों जगहों पर कार्यकर्ताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सह प्रदेश चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन सुबोधकांत सहाय की मौजूदगी में जमकर बवाल काटा। अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी से बात शुरू हुई और मामला हाथपाई तक पहुंच गया। हद तो तब हो गई, जब किसी कार्यकर्ता ने सुबोधकांत सहाय के भाषण के दौरान करकेंद में माइक का तार नोंच कर उनके भाषण में भी बाधा डालने की कोशिश की।
करकेंद में धनबाद विधानसभा सीट से दावा ठोंकने वाले मयूर शेखर झा और अभिजीत राज में बहस हुई। वहीं बाघमारा में टिकट के दावेदार तथा पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो तथा हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए रोहित यादव के समर्थक भिड़ गए। झड़प के दौरान सुबोधकांत सहाय और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण झा ने कार्यकर्ताओं को शांति का पाठ पढ़ाया। नेताओं ने कहा कि अपनी ऊर्जा टिकट लेने के लिए बर्बाद न करें। इस ऊर्जा को चुनाव के समय जनसंपर्क व वोटिंग के दिन के लिए बचा कर रखें। कार्यक्रम में प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह, प्रवीण झा सहित कई कांग्रेसी भी मौजूद थे। कतरास स्थित श्यामडीह के शिव प्लाजा में कार्यक्रम शुरू होते ही पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो व रोहित यादव के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। दोनों के समर्थक अपने-अपने नेता के पक्ष में जमकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान धक्का-मुक्की व हाथापाई तक हुई। दोनों के समर्थकों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे डाली। झड़प से कार्यक्रम का माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि मंच पर बैठे कांग्रेस के वरीय नेताओं के हस्तक्षेप के बाद लोगों को शांत कराया गया।
सरकार को अस्थिर करना चाहती है भाजपा: सुबोध
कतरास, करकेंद और भौंरा ऑफिसर क्लब में शनिवार को आयोजित जनसंवाद में सुबोधकांत सहाय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बांटने का काम किया है। जनता ने केंद्र में सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं दिया। मोदी को गठबंधन की सरकार बनानी पड़ी। कांग्रेस में राहुल गांधी ने पूरे देश को जोड़ने का काम किया है। भाजपा वक्फ बोर्ड की जमीन को भी छीनना चाहती है। झारखंड में पांच साल तक झामुमो-कांग्रेस की हेमंत सरकार रही तो भाजपा को झारखंड में बांग्लादेशी घुसते दिखाई देने लगे। जब भाजपा की सरकार थी, उस समय बांग्लादेशी नजर नहीं आए। सरकार को अस्थिर करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल में डालने का काम किया।
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