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नई दिल्ली: हिजबुल्लाह के गढ़ में इजरायल 2 किलोमीटर अंदर तक घुस चुका है. लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल का ग्राउंड ऑपरेशन जारी है. पर अब इस जमीनी जंग के साइड इफेक्ट भी दिखने लगे हैं. हिजबुल्लाह ने लेबनान में घुसे इजरायली सैनिकों की लाशें बिछा दी हैं. खुद इजरायल ने कन्फर्म किया है कि लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजराइल की जमीनी लड़ाई में उसके आठ सैनिक मारे गए और 35 से अधिक घायल हुए हैं. इस तरह लेबनान में घुसकर हिजबुल्लाह को खत्म करना इतना आसान नहीं लग रहा. इजरायल इसकी भारी कीमत चुका रहा है. दुश्मन को खत्म करने के चक्कर में वह अपनों की जान भी गंवा रहा है. लेबनान में कदम-कदम पर इजरायल के लिए चुनौती है.
लेबनान में इजरायल को ऐसे वक्त में झटका लगा है, जब एक दिन पहले ही ईरान ने 200 मिसाइलें दागकर इजरायल पर हमला किया. इजराइली सेना की मानें तो हिजबुल्लाह के हमलों में उसके आठ से दस सैनिक मारे गए. मगर ज्यादा कुछ डिटेल सामने नहीं आई है. हालांकि, इजरायल ने हिजबुल्लाह के भी कुछ लड़ाकों के मारने का दावा किया है. हिजबुल्लाह के हमले पिछले कुछ महीनों में इजराइली सेना के खिलाफ हुए सबसे घातक हमलों में से एक थे. एक्सपर्ट्स की मानें तो लेबनान में इजरायली सेना का दाखिल होना आसान है, मगर वहां से काम तमाम कर सुरक्षित निकलना बेहद मुश्किल. इसकी वजह हिजबुल्लाह का गढ़ और उसकी सैन्य ताकत. भले ही लेबनान में हिजबुल्लाह हवाई हमलों में इजरायल का मुकाबला न कर पाए, मगर जमीना मुकाबला करने में वह पूरी तरह सक्षम है.
क्यों है हिजबुल्लाह का जोश हाई
हिजबुल्लाह का दावा है कि ओदाइसा और यारून इलाकों से उसके लड़ाकों ने इजरायली सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. इतना ही नहीं, हिजबुल्लाह ने इजरायली सैनिकों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इजरायली सैनिकों को मारकर और कुछ इलाकों से खदेड़ने के बाद हिजबुल्लाह आत्मविश्वास से लबालब भर गया है. 2006 के युद्ध में भी इजरायल देख चुका है कि लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी जंग कितनी मुश्किल थी. उस जंग में 125 से अधिक इजरायली सैनिकों की मौत हुई थी और हिजबुल्लाह लड़ाकों ने 20 से अधिक इजरायली टैंकों को तबाह कर दिया था. लेबनान चूंकि हिजबुल्लाह का गढ़ है, इसलिए उसे एक-एक चीज की जानकारी है. इजरायली सैनिक यहीं मात खा जाते हैं और हिजबुल्लाह के जाल में फंस जा रहे हैं.
लेबनान में जमीनी जंग क्यों आसान नहीं
फिलहाल, अभी हिजबुल्लाह केवल डिफेंस नहीं, बल्कि पलटवार की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है. हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने को वह कफन बांध चुका है. यही वजह है कि वह लेबनान में इजरायली सैनिकों से भिड़ने से नहीं डर रहा. दावा यह भी किया जा रहा है कि लेबनान में घुसे 60 घंटे से अधिक वक्त हो गया, मगर इजरायली सैनिक 2 किलोमीटर से अधिक अंदर नहीं जा पाई है. कदम-कदम पर हिजबुल्लाह उसे चुनौती दे रहा है और बढ़ने नहीं दे रहा है. हिजबुल्लाह के हमले में इजरायल के न केवल 8-10 सैनिक मारे गए हैं, बल्कि 35 से अधिक घायल भी हुए हैं. साथ ही हिजबुल्लाह ने और भी नुकसान पहुंचाया है.
तीन दुश्मनों से घिरा इजरायल
इस तरह से देखा जाए तो इजरायल अभी तीन दुश्मनों से घिर चुका है. एक ओर ईरान है, जिसने 200 मिसाइलें दागकर इजरायल को चुनौती दी है. दूसरी तरफ हिजबुल्लाह ने नाक में दम कर रखा है. तीसरे मोर्चे पर हमास है, जिसेक साथ गाजा में पिछले एक साल युद्ध जारी है. गाजा में हमास के साथ इजरायल के युद्ध का अंत होता नहीं दिख रहा है. भले ही इजरायल ताकत में इन सब पर भारी पड़ता दिख रहा है, मगर जिस तरह से हमास पिछले एक साल से डंटा है, वह भी नेतन्याहू के लिए कम टेंशन वाली बात नहीं है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि ईरान हिजबुल्लाह का पूरा सपोर्ट करता है. पैसे से लेकर हथियार के मामले में हिजबुल्लाह को ईरान की मदद मिलती है. हमास के साथ भी कमोबेश वही बात है. कुल मिलाकर कहा जाए तो ये तीनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं.
Tags: Iran news, Israel, Israel attack on palestine, Israel Iran War, Israel News
FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 06:17 IST
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