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अब तक तो राजस्थान लोक सेवा आयोग की कई परीक्षाओं में 20 से 30 फीसदी ही उपस्थिति रहती आई है, लेकिन शनिवार को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की स्टेनोग्राफर भर्ती और निजी सहायक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा में भी महज 28 फीसदी उपस्थिति रही। इतनी कम उपस्थिति
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प्रदेश के 8 शहरों में हुई इस भर्ती परीक्षा के लिए 1 लाख 66 हजार 884 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिन्हें दोनों पारियों में परीक्षा देनी थी। पहली पारी में 46 हजार 880 और दूसरी पारी में 46 हजार 493 अभ्यर्थी ही पहुंचे। यानी पहली पारी में 1 लाख 20 हजार 4 और दूसरी पारी में 1 लाख 20 हजार 391 अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे। इतनी कम उपस्थिति से परीक्षा देने के प्रति लापरवाही बरत रहे अभ्यर्थियों का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया।
इस परीक्षा में बोर्ड को एक अभ्यर्थी के लिए 470 रुपए खर्च करने पड़े। ऐसे में 46 हजार 880 अभ्यर्थियों के लिए बोर्ड महज 2.20 करोड़ रुपए में व्यवस्थाएं कर सकता था, लेकिन बोर्ड को 1 लाख 66 हजार 884 अभ्यर्थियों की व्यवस्था के लिए 7.84 करोड़ खर्च करने पड़े।
पूरी आस्तीन के साथ अनुमति, ज्यादातर हाफ आस्तीन में आए
परीक्षा में बोर्ड ने ड्रेस कोड का बदलाव किया। अभ्यर्थियों को पूरी आस्तीन का शर्ट पहनकर आने की अनुमति रही। इससे अभ्यर्थियों को परेशानी नहीं उठानी पड़ी। हालांकि ज्यादातर अभ्यर्थी हाफ आस्तीन में ही आए थे।
स्कूल बंद, परीक्षा में कमरे खाली
परीक्षा के दौरान कम उपस्थिति से कई केंद्रों पर परीक्षा कक्ष में दो-चार विद्यार्थी ही पहुंचे, जबकि जिले में कई शिक्षक लगा दिए गए। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी अशोक गुप्ता का कहना है कि केंद्र वाले स्कूल बंद रहे। शिक्षकों की वीक्षक के रूप में ड्यूटी लगने से शिक्षक भी परेशान होते रहे। कई दिनों से हम परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे, लेकिन अभ्यर्थी परीक्षा देने ही नहीं आए। यह बेहद गंभीर स्थिति है। सरकार को इस पर विचार कर कोई रास्ता तलाशना चाहिए, ताकि उपस्थिति बढ़ सके।
बधाल ने कहा- नुकसान से बचने के कई सुझाव आए हैं “बोर्ड की परीक्षाओं में एक अभ्यर्थी पर 470 रुपए का खर्च आता है। स्टेनोग्राफर भर्ती में अनुपस्थित रहे 1.20 लाख अभ्यर्थियों की व्यवस्थाओं पर 5.64 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े। यह अपव्यय रोकने के लिए सुझाव आए हैं। इन पर बोर्ड गंभीरता पूर्वक विचार कर रहा है।” -डॉ. भागचंद बधाल, सचिव, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
“स्टेनोग्राफर भर्ती में उपस्थिति बेहद निराशाजनक रही। अभ्यर्थियों की इतनी संख्या में तो हम एक चौथाई सेंटर्स से भी काम चला सकते थे, लेकिन हमें कुल संख्या के हिसाब से ही तैयारी करनी पड़ती है। मैं तो अभ्यर्थियों को इतना कहता हूं कि परीक्षा देने का विचार हो तभी फॉर्म भरो।”
-आलोक राज, अध्यक्ष, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
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