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नई दिल्ली: जब इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ को मारने के लिए बेरूत पर हवाई हमला किया, तब हसन नसरल्लाह के साथ बंकर में ईरान का खास दूत भी मौजूद था. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के साथ इजरायली हमले में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई का खास दूत भी मारा गया. अब सवाल है कि आखिर ईरान ने अपने खास दूत को नसरल्लाह के पास क्यों भेजा था? क्या सच में ईरान को नसरल्लाह की हत्या की भनक पहले लग गई थी, क्या ईरान ने अलर्ट भेजा था? सबसे पहले जानते हैं कि हसन नसरल्लाह संग लेबनानी बंकर में ईरान का खास दूत कौन था. उस दूत का नाम है अब्बास निलफोरुशान. वह ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सीनियर कमांडर थे.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर अब्बास निलफोरुशान को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को आगाह करने के लिए लेबनान भेजा था. मगर इजरायली बमों ने उन दोनों को मार डाला. जब इजरायल ने बेरूत में हमला किया तब नसरल्लाह के साथ अब्बास निलफोरुशान भी मौजूद थे. वह सुप्रीम लीडर का संदेश लेकर गए थे और उन्हें लेबनान छोड़ने और तेहरान शिफ्ट होने के लिए मनाने गए थे. उन्होंने सुप्रीम लीडर का संदेश सुनाया कि इजरायल उन्हें लेबनान में मारने वाला है. हालांकि, जब तक नसरल्लाह इस पर विचार कर पाते, तब तक नेतन्याहू की सेना ने उन दोनों का काम तमाम कर दिया.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने हिजबुल्लाह चीफ सैयद हसन नसरल्लाह को इजरायली हमले में मारे जाने से कुछ दिन पहले भी लेबनान से भागने की चेतावनी दी थी. मगर हिजबुल्लाह चीफ ने ईरान शिफ्ट होने से इनकार कर दिया था. खामेनेई ने दूसरी बार कोशिश की थी. पिछले सप्ताह निलफोरौशन के जरिए ईरान ने नसरल्लाह को एक और संदेश भेजा, जिसमें उससे लेबनान छोड़ने और सुरक्षित स्थान के रूप में ईरान में शिफ्ट होने का आग्रह किया गया. मगर नसरल्लाह ने खामनेई की एक न सुनी और उसने लेबनान में रहने पर जोर दिया. इसी का नतीजा हुआ कि इजरायल ने उसे मार डाला
खामनेई ने क्या संदेश भिजवाया
खामनेई ने दो बार हसन नसरल्लाह को संदेश भेजा और चेताया था. अगर हिजबुल्लाह चीफ सुप्रीम लीडर की बात मान लेता तो शायद आज उसकी जान बच गई होती. हालांकि, ईरान में भी हिजबुल्लाह चीफ सेफ रहता, यह कहना मुश्किल है. इसकी वजह है कि तेहरान में सीनियर अफसरों के बीच इजरायल की घुसपैठ हो चुकी है. ईरान में भी इजरायल के कई घुसपैठिया हैं. इस बात से खामनेई की टेंशन बढ़ चुकी है.
सुप्रीम लीडर ने दो बार भेजा था अलर्ट
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, 17 सितंबर को लेबनान में हिजबुल्लाह पर इजरायल के पेजर अटैक के बाद सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अपने दूत के जरिए एक संदेश भेजा, जिसमें हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह से ईरान के लिए रवाना होने का अनुरोध किया गया था. इसमें खुफिया रिपोर्टों का हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि इजरायल के हिजबुल्लाह के भीतर गुर्गों हैं और वे उन्हें मारने की योजना बना रहे थे. अधिकारी ने कहा कि संदेशवाहक ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशन थे, जो नसरल्लाह के साथ उनके बंकर में थे, जब उन्हें इजरायली बमों से निशाना बनाया गया और वे भी मारे गए.
ईरान ने क्यों किया इजरायल पर हमला
जब से हिजबुल्लाह चीफ की हत्या हुई है, तब से ही सुप्रीम लीडर खामेनेई एक सेफ जगह पर हैं. उन्होंने ही इजरायल पर मिसाइल से हमला करने का फाइनल आदेश दिया. रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक अफसर का कहना है कि इजरायल पर यह हमला नसरल्लाह और निलफोरुशन की मौत का बदला था. इतना ही नहीं, जुलाई में तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या और लेबनान पर इजरायल के हमलों का भी जवाब है. इस बीच लेबनान में इजरायल का जमीनी आक्रमण जारी है.
Tags: Iran news, Israel Iran War, Israel News, World news
FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 09:28 IST
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