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तनुष कोटियान ने ईरानी कप के अंतिम दिन नाबाद शतक लगाकर मुंबई को 27 साल बाद ट्रॉफी दिलाई। उन्होंने 150 गेंदों में 114 रन बनाए। शेष भारत के खिलाफ मैच ड्रॉ रहा, लेकिन मुंबई ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर…
शोल्डर : कोटियान ने मैच के अंतिम दिन खेली नाबाद शतकीय पारी, मैच ड्रॉ, शेष भारत के खिलाफ पहली पारी की बढ़त के आधार पर रहाणे की टीम बनी विजेता लखनऊ, एजेंसी। तनुष कोटियान के करियर के दूसरे प्रथम श्रेणी शतक से मुंबई ने शनिवार को 27 साल बाद ईरानी कप पर कब्जा किया। शेष भारत के खिलाफ ड्रॉ छूटे मैच में 42 बार के रणजी चैंपियन मुंबई ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर 15वीं बार यह ट्रॉफी जीती। मुंबई ने अपना पिछला ईरानी कप 1997-98 में जीता था। इसके बाद घरेलू क्रिकेट की बादशाह मुंबई की टीम आठ बार फाइनल में पहुंची लेकिन सफलता नहीं मिली।
कोटियान का दूसरा शतक : मुंबई ने अंतिम दिन छह विकेट पर 153 रन से आगे खेलना शुरू किया और दूसरी पारी आठ विकेट पर 329 रन बनाकर घोषित की। इस तरह मुंबई की कुल बढ़त 450 रन की हो गई। पहली पारी में 64 रन बनाने वाले कोटियान ने 20 रन से आगे खेलना शुरू किया और 150 गेंद में दस चौकों और एक छक्के से 114 रन की नाबाद पारी खेली।
पहले खिलाड़ी : कोटियान आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए ईरानी कप के एक मैच में दो पारियों में 50 प्लस का स्कोर करने वाले पहले खिलाड़ी हैं। कोटियान ने मोहित अवस्थी (51) के साथ दसवें विकेट के लिए अटूट 158 रन की शानदार साझेदारी की। उन्होंने सरफराज खान (7) और शार्दुल ठाकुर (2) के जल्दी आउट होने के बाद शानदार परिपक्वता दिखाई। शेष भारत के लिए ऑफ स्पिनर सारांश जैन ने छह विकेट झटके।
ड्रॉ पर सहमति : एक सत्र से भी कम समय में 451 रन के लक्ष्य का पीछा करना नामुमकिन था। इससे शेष भारत के कप्तान रुतुराज गायकवाड़ ने ड्रॉ के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी अजिंक्य रहाणे से हाथ मिलाया। इस तरह गत रणजी ट्रॉफी चैंपियन मुंबई ने मैच जीत लिया।
’27 साल के बाद ट्रॉफी जीतना शानदार अहसास है। यह लाल मिट्टी का विकेट था। कोटियान ने पिछले सत्र और इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया।’ -अजिंक्य रहाणे, कप्तान मुंबई
‘मैं प्रक्रिया का अच्छी तरह अनुकरण करता हूं और इस टूर्नामेंट में अभ्यास के साथ आया था। आप अलग मैदानों में खेलकर अनुभवी होते हो। आपको जानकारी मिलती है कि विभिन्न पिचों पर किस तरह खेला जाए।’ -सरफराज खान, प्लेयर ऑफ द मैच
-15वीं बार मुंबई ने यह ट्रॉफी जीती जबकि शेष भारत 30 बार विजेता बना है
-239 रन मैच में सर्वाधिक दोहरे शतक सहित मुंबई के सरफराज ने बनाए
-178 रन कोटियान ने 178 की औसत से बनाने के साथ ही तीन विकेट भी झटके
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