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याचिका दायर करके निगरानीकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने बताया था कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वीर विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बातें कही थीं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
– फोटो : एएनआई (फाइल)
विस्तार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट में दाखिल परिवाद को खारिज करने के आदेश को चुनौती देने वाली निगरानी याचिका स्वीकार हो गई। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंश नारायण ने एसीजेएम कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही आदेश दिया कि वह फिर से मामले की सुनवाई करके आदेश जारी करे।
बता दें कि याचिका दायर करके निगरानीकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने बताया था कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वीर विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बातें कही थीं। इसके बाद कोर्ट में राहुल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी दी थी। इसमें आरोप लगाया कि सोची-समझी रणनीति के तहत महाराष्ट्र के अकोला में राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को वैमनस्यता फैलाने के लिए सार्वजनिक मंच से वीर सावरकर की अमर्यादित आलोचना की।
अर्जी में यह भी कहा गया है कि राहुल ने वीर सावरकर को अंग्रेजों का पेंशनर व नौकर, मददगार और अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर कई दोषारोपण किया है। इस तरह राहुल ने देश के समस्त स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। एसीजेएम कोर्ट ने पहले इस अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि बाद में एसीजेएम ने 14 जून 2023 को उस परिवाद को क्षेत्राधिकार के बाहर बताते हुए खारिज कर दिया था। निचली अदालत के इसी आदेश को निगरानी याचिका के जरिये चुनौती दी गई थी। इसकी सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने पाया कि एसीजेएम ने परिवाद को खारिज करके त्रुटि की है।
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