[ad_1]
दिल्ली हाईकोर्ट से महाठग सुकेश चंद्रशेखर को झटका लगा है। कोर्ट ने उसकी मंडोली से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने वाली याचिका खारिज कर दी। उसने मंडोली जेल से किसी अन्य जेल में ट्रांसफर को चुनौती दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट से महाठग सुकेश चंद्रशेखर को झटका लगा है। कोर्ट ने उसकी मंडोली से दूसरी जेल में ट्रांसफर करने वाली याचिका खारिज कर दी। उसने मंडोली जेल से किसी अन्य जेल में ट्रांसफर को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा कि हमें प्रशासनिक कारणों से याचिकाकर्ता को अन्य जेलों में ट्रांसफर न करने के निर्देश जारी करने की कोई जरूरत नहीं लगती।
हालांकि सुनवाई के दौरान जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि यदि चंद्रशेखर को मंडोली जेल से किसी अन्य जेल में ट्रांसफर किया जाता है तो उसे तीन दिन का नोटिस दिया जाए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने चंद्रशेखर की याचिका को डिस्पोज (निपटारा) कर दिया, जिसमें अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि ट्रांसफर के मामले में उसे चार दिन पहले सूचना दी जाए।
याचिका में उसने कहा था कि उसे मंडोली जेल से ट्रांसफर न किया जाए, क्योंकि वह 2020 से गॉल ब्लेडर की पथरी सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है और उसे इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल और आरएमएल ले जाया गया था। उसने कहा कि ट्रांसफर से उसके मेडिकल ट्रीटमेंट में बाधा पैदा होगी। जस्टिस कृष्णा ने इस बात को नोट किया कि चंद्रशेखर को उसकी बीमारियों के लिए सफदरजंग अस्पताल और आरएमएल अस्पताल ले जाया जा रहा था और उसकी शारीरिक बीमारियों के लिए बाहरी अस्पतालों में इलाज कराया जा रहा था।
कोर्ट ने कहा, ‘ऐसा दावा किया गया है कि वह एंग्जाइटी से पीड़ित है और उसका साइकेट्रिस्ट (मनोचिकित्सक) द्वारा इलाज किया जा रहा है और उसकी वर्तमान हालत स्थिर है। हालांकि, तिहाड़ की सेंट्रल जेल में भी साइकेट्रिक इलाज की ऐसी ही सुविधा है। इसलिए, जेल के प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाले ऐसे निर्देश तब तक नहीं दिए जाने चाहिए जब तक कि जेल प्रशासन की ओर से कोई बाध्यकारी कारण या दुर्भावना न दिखाई दे।’
[ad_2]
Source link