[ad_1]
राजधानी दिल्ली में नवारात्रि की शुरुआत गर्मी के साथ हुई। लोगों को अक्तूबर के पहले हफ्ते में भी गर्मी से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को भी राजधानी में तेज धूप और उमस से लोग बेहाल रहे। दिल्ली-एनसीआर से मॉनसून की विदाई होने के बाद प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ रहा है।
राजधानी दिल्ली में नवारात्रि की शुरुआत गर्मी के साथ हुई। लोगों को अक्तूबर के पहले हफ्ते में भी गर्मी से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। गुरुवार को भी राजधानी में तेज धूप और उमस से लोग बेहाल रहे। इस दौरान अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोनों सामान्य से तीन डिग्री अधिक थे। नमी का स्तर अधिकतम 86 फीसदी और न्यूनतम 43 फीसदी रहा। शुक्रवार को भी मौसम विभाग ने आसमान साफ रहने की संभावना जताई है।
आज कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने शुक्रवार को आसमान साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है। वहीं अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। इस बीच, शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 161 रहा, जो ‘मध्यम’ श्रेणी के अंतर्गत आता है।
मॉनसून की विदाई के बाद बिगड़ी हवा
दिल्ली-एनसीआर से मॉनसून की विदाई होने के बाद प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ रहा है। गुरुवार को 24 घंटे में औसतन 162 के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जो घटती एयर क्वालिटी वाले मौसम की शुरुआत का संकेत है। इस बीच कुछ इलाकों में पहले से ही प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली-गाजियाबाद सीमा के पास आनंद विहार में 24 घंटे का एक्यूआई 389 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है और ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब है।
दिल्ली के आसपास प्रदूषण बढ़ा
मुंडका, द्वारका और वजीरपुर जैसे अन्य इलाकों में एक्यूआई का स्तर 200 से ऊपर दर्ज किया गया, जो इन इलाकों की हवा को ‘खराब’ श्रेणी में रखता है। वायु की गुणवत्ता में गिरावट मुख्य रूप से शुष्क परिस्थितियों और पश्चिमी हवाओं की वजह से है, जिसके कारण धूल के कण, खासतौर से पीएम10, शहर में मुख्य प्रदूषक बन गए हैं। दिल्ली के आस-पास के इलाकों में भी प्रदूषण बढ़ा है।
गाजियाबाद में एक्यूआई 178 और नोएडा में 172 दर्ज किया गया, दोनों ही दिल्ली के औसत से ज्यादा हैं। एनसीआर क्षेत्र में बागपत में सबसे ज्यादा एक्यूआई 198 दर्ज किया गया, इसे अभी ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा गया है, लेकिन यह ‘खराब’ के करीब है। वहीं गुरुग्राम और फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी कम क्रमशः 58 और 85 दर्ज किया गया, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है।
[ad_2]
Source link