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राष्ट्रीय दशहरा मेले में प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना, अभिनेत्री और सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी ने अपनी शानदार नृत्य कला से सबका मन मोह लिया। हेमा मालिनी ने गुरुवार को मेला उदघाटन के अवसर पर विजयश्री रंगमंच पर दुर्गा सप्तशती पर आधारित नृत्य नाटिका ‘द
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दुर्गा सप्तशती आधारित दुर्गा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देते हुए हेमा मालिनी
हेमा मालिनी ने नृत्य नाटिका की शुरुआत शिव सती कथा से की। जिसमें सती का किरदार निभाते हुए उन्होंने बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस दौरान प्रेम, भक्ति व रौद्र रस के भावपूर्ण नृत्य मंचन ने दर्शकों का मन मोह लिया। दशहरा उदघाटन पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में हेमा मालिनी की प्रस्तुति देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। दर्शकों ने बीच-बीच में दुर्गा मैया की जय का उद्घोष कर कलाकारों में ऊर्जा भरने का काम किया।
मां सती के रूप को दर्शाते हुए भगवान शिव की अराधना का दृश्य जीवंत किया
हेमा मालिनी ने साथी कलाकारों के साथ शिवदुर्गा नृत्य नाटिका की ऐसी प्रस्तुति दी कि मानो मेला प्रांगण में उनके स्वरूप में मां दुर्गा अवतरित हो गई हों। यहां प्रस्तुत नृत्य नाटिका में उन्होंने मां दुर्गा और सती के साथ कई रूपों में प्रेम, भक्ति और रौद्र रस का भावपूर्ण मंचन किया। हेमा मालिनी ने साथी कलाकारों के साथ शिव सती कथा, दक्ष वध, शिव तांडव, बम लहरी, शिव पार्वती विवाह, नमस्तस्यै की प्रस्तुति दी।
नृत्य नाटिका में कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के साथ मां पार्वती का चित्रण
कैलाश पर्वत पर शिव तांडव का प्रस्तुतिकरण हेमा मालिनी ने किया
शिव शक्ति रूप को नृत्य नाटिका के जरीये दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया गया।
नृत्य नाटिका की ऐसी प्रस्तुति दी कि मानो मेला प्रांगण में उनके स्वरूप में मां दुर्गा अवतरित हो गई हों
दैहिक अभिनय और संवादों ने किया अभिभूत हेमा ने साथ आए 46 से अधिक कलाकारों के दल के साथ नृत्य, भाव भंगिमा, दैहिक अभिनय तथा संवाद की प्रस्तुति दी। नृत्य के दौरान भक्ति संगीत और भारतीय शास्त्रीय नृत्य के रूप में नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। जिसमें नवदुर्गा स्वरूप, भवानी प्रसाद नर्तन, चंडी रूप धारण, महाकाली रूप, महिषासुर मर्दिनी, सिंह सवार दुर्गा समेत विभिन्न मंचन हुए। जबरदस्त अभिनय देखकर दर्शक अभिभूत नजर आए।
करीब दो घंटे तक हेमा मालिनी ने दुर्गा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी
हेमा मालिनी ने नृत्य नाटिका की शुरुआत शिव सती कथा से की
नृत्य नाटिका में उन्होंने मां दुर्गा और सती के साथ कई रूपों में प्रेम, भक्ति और रौद्र रस का भावपूर्ण मंचन किया
भीड़ उमड़ी, टकटकी लगाए बैठे रहे कोटा दशहरा मेला उदघाटन अभी तक दर्शकों के अभाव में औपचारिक समारोह होता आया है। 131वां मेला दशहरा का भव्य उद्घाटन ऐतिहासिक बन गया। पहली बार मेले के उदघाटन में भरी भीड़ उमड़ी। लोग दिन से ही आकर बैठ गए थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान टकटकी लगाए टिके रहे।
बड़ी संख्या में लोग नृत्य नाटिका देखने के लिए पहुंचे
एक झलक पाने को आतुर रहा जन समूह बहुत लंबे समय बाद कोटा आई अभिनेत्री हेमा मालिनी के अभिनय को देखने के लिए भारी जन समूह उमड़ा। लोग हेमा मालिनी की एक झलक देखने को आतुर नजर आए। इस दौरान विजयश्री रंगमंच चारों ओर से भरा हुआ नजर आया।
झूले चकरी हुए शुरू, चाट पकौड़ी की दुकानों पर भी रही भीड़ मेले के उद्घाटन के अवसर पर भारी भीड़ को चलते पहले दिन से ही झूले चकरी वालों ने अपना व्यापार शुरू कर दिया। वहीं चाट, पकौड़ी, सॉफ्टी की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ जमी रही। इससे व्यापारियों को भी अच्छा लाभ हुआ।कार्यक्रम के दौरान लोगों में धर्म, संस्कृति के प्रति सबरदस्त आसक्ति नजर आई। जिन लोगों को मेला प्रांगण में जगह मिली वे देर तक जमे रहे। वहीं जिन्हें बैठने का स्थान नहीं मिला वे दो घंटे खड़े होकर ही कार्यक्रम देखते रहे। जबकि निगम की वेबसाइट पर जाकर भी 50 हजार लोगों ने कार्यक्रम देखा।
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