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सरकार ने बुधवार रात दो विभागों में ट्रांसफर की दाे सूचियां जारी कीं। इनमें 472 अफसरों को बदला गया है। इसमें 341 तहसीलदार, नायब तहसीलदार और 131 विकास अधिकारी हैं। लगातार मांग के बावजूद सरकार ने भले ही तबादलों पर से प्रतिबंध न हटाया हो, लेकिन एक माह मे
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ऐसे में सरकार तबादलों की राह खोल सकती है। इससे पहले सरकार ने कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, एडीशनल एसपी के बाद पंचायत समिति एवं तहसील स्तर पर भी फेरबदल किया है। डिप्टी एसपी की लिस्ट भी जल्द आ सकती है। बताया जा रहा है कि तहसीदार एवं विकास अधिकारियों के तबादलों के लिए संबंधित विभागों ने प्रशासनिक सुधार विभाग से विशेष अनुमति ली गई है।
राजस्व मंडल अजमेर के रजिस्ट्रार महावीर प्रसाद का कहना है कि राजस्व विभाग के जरिए नामों की सूची भेजकर अनुमति मांगी गई थी। वहीं, पंचायतीराज विभाग के आयुक्त एवं सचिव जोगाराम का भी कहना है कि तबादलों से पहले सरकार से मंजूरी ली गई थी।
- विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में आठ लाख कर्मचारी हैं। इनमें से करीब 2 लाख तबादले होने हैं। इसमें शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, लेखा एवं मंत्रालय कर्मचारी शामिल हैं। हालांकि सरकार ने आवेदन नहीं मांगे हैं।
कैबिनेट में उठी थी मांग: शिक्षा- हेल्थ को छोड़ अन्य तबादले खुलें
मालूम हो कि सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में 29 सितंबर को कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में भी तबादलों से प्रतिबंध हटाने का मामला मंत्रियों ने उठाया था। मंत्रियों यह सुझाव भी दिया था कि शिक्षा और चिकित्सा को भले अभी तबादलों को नहीं खोला जाए, लेकिन दूसरे विभागों में तो प्रतिबंध हटा लिया जाना चाहिए है। हालांकि, ऐसा नहीं किया गया। अब विशेष अनुमति लेकर तबादले किए जा रहे हैं।
प्रतिबंध हटाने को लेकर फर्जी आदेश वायरल तबादलों पर प्रतिबंध हटाने को लेकर फर्जी आदेश वायरल हो गया। प्रशासनिक सुधार विभाग के एक पूर्व अधिकारी के नाम से आदेश वायरल किया गया था। विभाग की सचिव उर्मिला राजोरिया ने इसे फर्जी बताया।
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