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हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान गुरुवार शाम समाप्त हो गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता विरोधी लहर को मात देकर लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए प्रयासरत है, वहीं कांग्रेस को उम्मीद है कि एक दशक के लंबे अंतराल के बाद उसकी सत्ता में वापसी होगी। चुनाव में दो करोड़ से अधिक मतदाता मतदान के पात्र हैं जिनमें 8,821 मतदाताओं की उम्र 100 साल से अधिक है। शाम छह बजे चुनाव प्रचार समाप्त होने से कुछ घंटे पहले, प्रमुख दलों भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इनेलो-बसपा और जजपा-आज़ाद समाज पार्टी ने रैलियां और रोड शो कर मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास किए।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नूंह में एक रैली को संबोधित किया। पिछले साल नूंह में हिंसा हुई थी, जब विहिप के जुलूस पर भीड़ ने हमला किया था। उस हमले में दो होमगार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की आंधी चल रही है और उनकी पार्टी सरकार बनाएगी जो गरीबों और किसानों के लिए होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के हर कोने में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोली जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा के सभी 90 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान पांच अक्टूबर को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। अधिकारियों के अनुसार कुल 20,629 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अग्रवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम छह बजे के बाद किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को सार्वजनिक बैठक या रैली करने की अनुमति नहीं होगी।
इस बीच एक दिलचस्प घटनाक्रम में, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर बृहस्पतिवार को महेंद्रगढ़ जिले में राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस में शामिल होने से कुछ देर पहले तक वह भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे। भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में “डबल इंजन” सरकार के काम और प्रदर्शन पर जोर दिया। इसके साथ ही उसने आरक्षण, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और वंशवाद की राजनीति जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों से जुड़े मुद्दे दोनों मुख्य दलों के चुनावी घोषणापत्रों का अहम हिस्सा हैं। प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भाजपा के योगी आदित्यनाथ और नायब सिंह सैनी, जजपा के दुष्यंत चौटाला और इनेलो के अभय सिंह चौटाला उन प्रमुख नेताओं में थे, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार किया।
भाजपा के अभियान का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और उन्होंने चार रैलियों को संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषणों में कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि उन्होंने राम मंदिर मुद्दा सहित देश के लिए महत्वपूर्ण हर मुद्दे को उलझाए रखा। किसानों, गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों सहित विभिन्न तबकों के कल्याण के लिए केंद्र और हरियाणा की भाजपा नीत सरकारों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मतदाताओं से राज्य के त्वरित विकास के लिए भाजपा को फिर से सत्ता में लाने की अपील की।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए उसे देश की सबसे बड़ी दलित विरोधी पार्टी करार दिया, जिसका एकमात्र एजेंडा वोट के लिए तुष्टीकरण है। मोदी ने दावा किया कि भ्रष्टाचार कांग्रेस की रगों में है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह “दलालों और दामादों की पार्टी बन गई है।” मोदी और अमित शाह जैसे अन्य भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राज्य में कांग्रेस का शासन था तो उसने हरियाणा में एक भी नौकरी बिना “खर्ची और पर्ची” के नहीं दी।
वहीं, भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया और बेरोजगारी, अग्निवीर योजना, किसानों के कल्याण सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार देश के मुट्ठी भर अमीरों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों की रक्षा करता है और आरएसएस के लोग संविधान को कमजोर करना चाहते हैं। गांधी ने भाजपा पर देश में धर्म, भाषा और जाति के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी नफरत को विजयी नहीं होने देगी। उन्होंने हरियाणा में बेरोजगारी और नशीली दवाओं के खतरे के मुद्दे भी उठाए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक दिन के लिए प्रचार किया और आरोप लगाया कि मोदी “झूठ बोलने” में माहिर हैं और भाजपा अतीत में मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भ्रष्टाचार, जातिवाद, भाई-भतीजावाद और तुष्टीकरण को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने पार्टी को गरीब विरोधी, दलित विरोधी, युवा विरोधी और किसान विरोधी करार दिया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने हरियाणा के लोगों से भाजपा को सत्ता से हटाने करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह अन्याय, असत्य और दुष्टों के खिलाफ लड़ाई है। वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी हरियाणा में अपनी पार्टी के लिए प्रचार किया।
हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने के बाद केजरीवाल की पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उनके कामों को रोकने और उन्हें बेईमान साबित करने के लिए उन्हें जेल भेज दिया।
चुनावी सरगर्मियों के बीच ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के मामले में दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को 20 दिन की पैरोल दी गई।
कांग्रेस ने राज्य के मतदाताओं को सात गारंटी देने का वादा किया है जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, जाति आधारित सर्वेक्षण और सत्ता में आने पर महिलाओं को 2,000 रुपये प्रति माह देने का वादा शामिल है। वहीं भाजपा ने महिलाओं के लिए 2,100 रुपये की मासिक सहायता, युवाओं के लिए दो लाख सरकारी नौकरियां और राज्य के ‘अग्निवीरों’ के लिए सरकारी नौकरी की गारंटी का वादा किया है।
चुनावी मैदान में कुल 1031 उम्मीदवार हैं, जिनमें 101 महिलाएं हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय सिंह चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट) और ओपी धनखड़ (बादली) और कांग्रेस की विनेश फोगट (जुलाना) शामिल हैं। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों में सावित्री जिंदल (हिसार), रंजीत चौटाला (रानिया) और चित्रा सरवारा (अंबाला कैंट) शामिल हैं।
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