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इंदौर के रीजनल डेवलपमेंट और इन्वेस्टमेंट प्लान को तैयार करने को लेकर गुरुवार को आईडीए बोर्ड की बैठक हुई। इसके लिए एक कन्सल्टेंट की नियुक्ति का फैसला लिया गया। स्थानीय तकनीकी विशेषज्ञों ने मांग की थी कि इसमें अनुभवी एक्सपर्ट को शामिल किया जाए। यह मामल
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इंदौर रीजनल डेवलपमेंट और इन्वेस्टमेंट प्लान मेट्रोपोलिटन रीजन
इंदौर शहर और शहर से 50 कि.मी. के दायरे में 29 नगर स्थित है। इनमें से उज्जैन, देवास, महू, पीथमपुर तथा धार प्रमुख हैंं। इनमें से 7 नगरों में निवेश क्षेत्र का गठन किया गया है। पांच नगरों में विकास योजनाएं प्रभावशील है।
– प्रदेश में सर्वाधिक औद्यौगिकीकरण इंदौर में हुआ है। इसके अलावा देवास, पीथमपुर, सांवेर इत्यादि प्रमुख है। उज्जैन नगर महाकाल लोक एवं धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है तो माण्डव पर्यटन के सिए प्रसिद्ध है। यह सभी नगर वाणिज्यिक, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं औद्योगिक गतिविधियों का प्रमुख हब है।
– इंदौर रीजन में 906 गांव तथा 07 मुख्य नगर शामिल किए जाकर, इंदौर रीजन का निर्धारण किया गया है। औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से यह आवश्यक है कि इंदौर शहर के पास ते शहरों को शामिल करते हुए एक रीजनल डेवलपमेंट प्लान बनाए जाने की आवश्यकता है। यह नगरीय विकास को एक नई दिशा देगाऔर सुनियोजित विकास नियोजनबद्ध तरीके से किया जा सकेगा।
प्रस्तावित इंदौर रीजनल डेवलपमेंट और इन्वेस्टमेंट प्लान मेट्रोपोलिटन
– इन्दौर विकास योजना 2021 में इन्दौर रीजनल प्लान के ए 906 ग्रामों का शामिल करते हुए प्रस्ताव दिए हैं। इसी को रीजनल डेव्हलपमेंट प्लान का आधार बनाया गया है।
– रीजनल डेवलपमेंट प्लॉन का क्षेत्रफल 663140 हेक्टेयर है।
– इन्दौर रीजन एक औद्योगिक और शहरीकृत क्षेत्र है। इसके विभिन्न अर्बन सेंटर्स की मुख्य विशेषताएं हैं।
उज्जैन : तीर्थस्थान
देवास और पीथमपुर : औद्योगिक शहर
महू : केन्टोनमेंट क्षेत्र
– सब अर्बन एवं पेरीअर्बन क्षेत्रों के तेज और बिना किसी नियोजन के हो रहे विकास को नियोजित करने हेतु इन्दौर रीजनल डेव्हलपमेंट प्लान प्रस्तावित किया जा रहा है।
रीजनल डेवलपमेंट और इन्वेस्टमेंट प्लॉन इन्दौर शहर के लिए बनाने का उददेश्य
– सम्पूर्ण रीजनल क्षेत्र हेतु विकास एवं नियोजन की नीति निर्धारण करना।
– सम्पूर्ण रीजनल क्षेत्र हेतु यातायात की सुगमता उपलब्ध कराना।
– सम्पूर्ण रीजन में ग्रोथ सेन्टर्स का चयन कर विकास के प्रस्ताव तैयार करना।
– रीजनल क्षेत्र में स्थित अर्बन क्षेत्रों में सेटेलाईट टाउन का चयन करना और विकास की नीति का निर्धारण करना ।
– पर्यटन क्षेत्रों के विकास हेतु प्रस्ताव तैयार करना।
– पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नीति निर्धारण करना।
– बहुमुल्य कृषि भूमि के संरक्षण के लिए नीति तैयार की जाना ।
– भौतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे मार्ग, ड्रेनेज विभिन्न प्रकार की फेसेलिटिज को सम्पूर्ण रीजन में भविष्य की दृष्टि से प्रस्तावित करना ।
– रीजनल यातायात के मार्ग, यातायात संरचना और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर का नियोजन सम्पूर्ण रीजनल क्षेत्र हेतु करना ।
– सम्पूर्ण रीजनल क्षेत्र हेतु विभिन्न भू-उपयोगों का लेकर नीति का निर्धारण करना।
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