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हरियाणा चुनाव से पहले राम रहीम का सियासी खेल ने हलचल पैदा कर दी है। डेरा मुखी ने 20 दिन की पैरोल पर बाहर आते ही हरियाणा के सभी ब्लॉक में नामचर्चा बुला ली है। कुछ जगहों पर संगतों को एकत्रित कर इसकी सूचना दी और कुछ स्थानों पर मोबाइलों पर संदेश भेजकर इस
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आज चुनाव प्रचार थमने से ठीक 6 घंटे पहले डेरा सच्चा सौदा की नाम होगी। नाम चर्चा करीब 2 घंटे की होगी। इसमें डेढ़ घंटा गुरु का यशगान होगा और इसके बाद आधे घंटे राम रहीम का संदेश संगत को पढ़कर सुनाया जाएगा हालांकि इस संदेश में गुपचुप तरीके से मैसेज बताया जाएगा। इस नाम चर्चा पर विपक्षी दलों के अलावा हरियाणा चुनाव अयोग और खुफिया तंत्र की भी निगरानी होगी।
बताया जा रहा है नाम चर्चा के दौरान मोबाइल ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी। बता दें कि हरियाणा चुनाव में डेरे की भूमिका अहम होती है। डेरे का हरियाणा की 90 में से 35 सीटों पर प्रभाव है और 10 सीटें ऐसी हैं जिन पर पासा पलट सकता है।
चुनाव में डेरे ने दिया गुपचुप समर्थन बता दें कि डेरा इससे पहले भी राजनीतिक दलों का समर्थन करता आया है। डेरे ने इसके लिए पॉलिटिकल विंग भी बनाई हुई थी मगर राम रहीम के जेल में जाने के बाद पॉलिटिकल विंग को भंग कर दिया गया। मगर राजनीतिक दल चुनाव में बढ़त बनाने को डेरे का समर्थन हासिल करने का प्रयास करते हैं।
भाजपा ने 2014 में डेरे के समर्थन से हरियाणा में सरकार बनाई थी। इसके बाद सरकार के मंत्री और विधायक डेरे में जाकर नतमस्तक हुए थे। हालांकि लोकसभा चुनाव में डेरे ने कुछ सीटों पर भाजपा कैंडिडेट का समर्थन किया था। कुरूक्षेत्र ने सांसद नवीन जिंदल ने चुनाव में डेरे के समर्थन पर आभार भी जताया था।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखी थी चिट्ठी राम रहीम को हरियाणा चुनाव के बीच पैरोल देने पर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि राम रहीम वोटिंग को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने इसके खिलाफ चुनाव आयोग को चिट्ठी तक लिखी थी। मगर चुनाव आयोग ने कांग्रेस की अर्जी को ठुकरा दिया।
उधर भाजपा ने इसको लेकर खुद का बचाव किया है। CM नायब सैनी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि ये कानून का विषय है। उसी हिसाब से पैरोल मिली है। कांग्रेस बेवजह मामले को तूल दे रही है।
डेरे का सियासी खेल हुआ शुरू राम रहीम के बुधवार सुबह 6 बजे जेल से बाहर आने के बाद डेरे का भी सियासी खेल शुरू हो गया है। डेरे ने हरियाणा के हर ब्लॉक में 2 दिन की नामचर्चा बुला ली। माना जा रहा है कि यहीं डेरे के श्रद्धालुओं को 5 अक्टूबर की वोटिंग से पहले राजनीतिक पार्टी के समर्थन का संकेत दिया जाएगा।
यह बात अलग है कि डेरा हमेशा चुनाव में किसी एक पार्टी को सपोर्ट करने से इनकार करता रहा है लेकिन पैरोल की टाइमिंग को देखते हुए विरोधी इसको लेकर सवाल उठाते रहते हैं। राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर डेरे के वोटर एकतरफा हुआ तो उन सीटों पर इसका असर पड़ सकता है, जहां 2 उम्मीदवारों और खासकर भजपा-कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है।
पिछली बार 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था राम रहीम साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था।
2 केस में कैद, एक में बरी हो चुका राम रहीम राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसी साल 27 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद दी गई थी। हालांकि इसी साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया।
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