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त्योहारी सीजन को देखते हुए नोएडा में भी निषेधाज्ञा लगा दी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को सतर्कता और तैनाती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। क्या पाबंदिया जानें…
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में गुरुवार से शुरू हो रहे 10 दिवसीय रामलीला मेले के मद्देनजर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस ने उन मेला स्थलों के आसपास भारी बल तैनात किया है जहां भीड़ आने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को पुलिस ने जमावड़े पर रोक भी लगा दी है। पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी है, जो पुलिस की अनुमति के बिना पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाती है।
आयोजन स्थलों पर भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को सतर्कता और तैनाती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। संदिग्ध लोगों पर पुलिस की नजर रहेगी। सीसीटीवी के जरिए भी मेला परिसर की निगरानी की जाएगी।
नोएडा, सेंट्रल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रत्येक जोन के सभी पुलिस उपायुक्तों को सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरीक्षण करने, गश्त बढ़ाने और मेला स्थलों पर कर्मियों की तैनाती करने का निर्देश दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस को मेला स्थलों की ओर जाने वाले मार्गों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए जमीनी स्तर पर जवानों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है।
नोएडा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) शिवहरि मीना ने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान 4,000 से अधिक कर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। ये प्रतिबंध 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। मेला आयोजकों को कोई भी संदिग्ध वस्तु या अन्य जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस की सूचित करने को कहा गया है।
बुधवार को पुलिस की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कोई भी शख्स पुलिस आयुक्त, अपर पुलिस आयुक्त या पुलिस उपायुक्त की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना पांच या अधिक लोगों का कोई जुलूस नहीं निकालेगा, न ही किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच या अधिक लोगों को जमा करेगा।
यही नहीं पूजा और नमाज समेत अन्य धार्मिक गतिविधियां किसी भी विवादास्पद स्थान पर नहीं की जाएंगी। पुलिस की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी धार्मिक स्थल/सार्वजनिक स्थान, जुलूस, अन्य आयोजनों में लाउडस्पीकर की ध्वनि की तीव्रता निर्धारित प्रावधानों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी।
धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की ध्वनि 40 से 75 डेसिबल होनी चाहिए, आवासीय क्षेत्रों में यह दिन के समय 55 डेसिबल होनी चाहिए। यही नहीं मंदिर/मस्जिद, गुरुद्वारा/चर्च आदि धार्मिक स्थलों पर लगाए गए लाउडस्पीकर धार्मिक स्थल के परिसर तक ही सीमित रहेंगे। आदेश में चेतावनी दी गई है कि अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना करने पर बीएनएस की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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