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मध्य प्रदेश में बुधवार को हुई चार अलग-अलग घटनाओं में आठ लोगों की डूबने से मौत हो गई। इनमें से ज्यादातर घटनाएं तब हुईं जब पीड़ित सर्व पितृ अमावस्या के मौके पर पूजा-पाठ के दौरान नदी में डुबकी लगा रहे थे। आठ में से खरगोन जिले में तीन, ओंकारेश्वर में दो, मुरैना में दो और शाजापुर में एक व्यक्ति की मौत हुई। मृतकों में 3 नाबालिग लड़कियां व दो महिलाएं शामिल हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि खरगोन जिले में बलवाड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत चोरल नदी में दो बहनों समेत तीन लड़कियां डूब गईं, जबकि एक अन्य लड़की को बचा लिया गया। जिले की अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) अर्चना रावत ने बताया कि लड़कियां एक समूह के साथ धार्मिक अनुष्ठान करने नदी पर गई थीं। इसी दौरान उनमें से एक लड़की फिसलकर पानी में जा गिरी, जिसके बाद तीन अन्य लड़कियों ने उसे बचाने की कोशिश की। रावत ने बताया कि मृतकों की पहचान बहनों अंशिका (10) और मीनाक्षी (12) तथा करिश्मा (14) के रूप में हुई है।
शाजापुर जिले के एक पुलिस अधिकारी मनोहर सिंह ने बताया कि में जिले में सर्व पितृ अमावस्या के अवसर पर पार्वती और अजनाला नदियों के संगम पर स्नान कर रहा 30 साल का शख्स डूब गया, जबकि उसका 19 साल का भतीजा लापता हो गया। मृतक की पहचान कृपाल सिंह मेवाड़ा के रूप में हुई। अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कर्मचारियों ने मृतक के भतीजे निर्मल मेवाड़ा को खोजने के लिए अभियान शुरू किया है। हालांकि खबर लिखे जाने तक उसका पता नहीं चला था।
मुरैना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद ठाकुर ने बताया कि मुरैना जिले में राहुल कुशवाह (18) और उसका भाई मेघ सिंह (15) सुबह करीब 11 बजे कैलारस थाना क्षेत्र के बड़ा गांव में कुंवारी नदी में डूब गए। अधिकारी ने बताया कि लड़के अपने पिता के साथ सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर अनुष्ठान करने के लिए नदी पर गए थे।
उधर खंडवा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश रघुवंशी ने बताया कि खंडवा जिले में रेणु पाटीदार (40) और निहारिका पाटीदार (18) नाम की दो महिलाएं, जो आपस में रिश्तेदार थीं, सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में स्नान करते समय डूब गईं।
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