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हरियाणा चुनाव में वोटिंग से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 20 दिन की पैरोल मिलने से विपक्षी राजनीतिक दल भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। वे इसे राजनीतिक लाभ के लिए भाजपा का हथकंडा बता रही हैं। वहीं, हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राम रहीम की पैरोल पर पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसे पैरोल देनी है, किस को नहीं, ये सरकार का नहीं, बल्कि कोर्ट का निर्णय होता है। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह राम रहीम के मुद्दे को उछाल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कोर्ट के नियमों के बारे में पूरी तरह जानकारी ही नहीं है। उसे इस बारे में पहले पता कर लेना चाहिए कि सरकार पैरोल पर ऑर्डर नहीं करती।
कहा- सभी अपने-अपने घरों में रहकर सेवा व सुमिरन करें
वहीं, रोहतक की जेल से पैरोल पर बाहर आकर यूपी के बरनवा आश्रम पहुंचे राम रहीम ने अपने अनुयायियों को संदेश दिया है। उसने अपने संदेश में अनुयायियों को अपने घरों में रहने को कहा है। गुरमीत राम रहीम ने बरनावा आश्रम से समस्त साध संगत को बहुत आशीर्वाद दिया है और कुशलक्षेम पूछा है। साथ ही उसने साध संगत से अनुरोध किया है कि सभी अपने-अपने घरों में रहकर सेवा व सुमिरन करें।
डेरे ने हरियाणा के हर ब्लॉक में नाम चर्चा कार्यक्रम रखा
वहीं, राम रहीम को पैरोल मिलने की खुशी में डेरे ने हरियाणा के हर ब्लॉक में नाम चर्चा कार्यक्रम रखा है। यह 2-3 अक्टूबर तक चलेगा। 5 अक्टूबर को प्रदेश में मतदान है। ऐसे में इस नाम चर्चा कार्यक्रम को चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है और इसी में डेरे की तरफ से राम रहीम का संदेश श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जाएगा कि उन्हें किस पार्टी को सपोर्ट करना है।
36 सीटों पर डेरे का प्रभाव
हरियाणा की 36 सीटों पर डेरे से जुड़े श्रद्धालुओं का वोट बैंक है। सिरसा, हिसार, फतेहाबाद और कुछ दूसरे जिलों में राम रहीम का अच्छा खासा प्रभाव है।हालांकि डेरा हमेशा चुनाव में किसी एक पार्टी को सपोर्ट करने से इनकार करता रहा है लेकिन चुनाव के समय हर दल के नेता डेरा सच्चा सौदा जाते रहे हैं। ऐसे में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम जेल से बाहर आने पर इसका चुनाव पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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