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इंदौर में एक ऐसा अनोखा भिखारियों का गुट पकड़ाया है, जिसके सदस्य दिन में सड़कों पर भीख मांगते थे, और रात में होटल में रुककर आराम करते थे। जिसके बाद शहर के अलग-अलग स्थानों पर भीख मांगने वाले 11 नाबालिग बच्चों समेत 22 लोगों के इस समूह को राजस्थान में उनके मूल निवास स्थान पर भेज दिया गया है। इस बारे में महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को मिली एक शिकायत के आधार पर जांच की गई, तो पता चला कि राजस्थान से 22 लोगों का एक ग्रुप भीख मांगने इंदौर आया था और ये लोग एक होटल में ठहरे थे। उन्होंने कहा, ‘इस समूह में 11 नाबालिग बच्चे और 11 महिलाएं शामिल थीं। ये लोग दिन भर शहर के अलग-अलग स्थानों पर भीख मांगते और रात में होटल में आकर सो जाते।’
अधिकारी ने बताया कि इस समूह के लोगों को समझा-बुझाकर राजस्थान में उनके मूल निवास स्थान भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि शहर के सभी होटलों, लॉज और अन्य रुकने वाली जगहों के संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भीख मांगने वाले लोगों को कतई न ठहरने दें, वरना उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इंदौर समेत देश के 10 शहरों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने के लिए प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है इंदौर में प्रशासन ने भीख मांगने वालों पर प्रतिबंध लगा रखा है।
फरवरी में इंदौर में पकड़ाई थी लखपति भिखारिन
इससे पहले इस साल फरवरी में जब इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने का अभियान चला था तो एक ऐसी महिला भिखारी पकड़ में आई थी, जो अपने दोनों बच्चों समेत भीख मांगने का काम करती थी। वह उज्जैन रोड पर लवकुश चौराहे पर भीख मांगती थी। उसका कहना था कि उसने पौने दो महीने में चौराहे पर भीख मांगकर ढाई लाख रुपए कमाए थे और एक लाख रुपए उसने अपने सास-ससुर को भेजे थे। पूछताछ में महिला ने अपने पास कई संपत्ति होने का खुलासा भी किया था। उसने बताया था कि उसके पास एक जमीन, दो मंजिला घर, एक बाइक, 20 हजार रुपए का स्मार्टफोन भी है। इस महिला ने भी अपना घर राजस्थान में होना बताया था।
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