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–सोमवार रात को सौ से ज्यादा लोग सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे –लद्दाख को पूर्ण राज्य
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। लद्दाख से चलकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे सोनम वांगचुक को सोमवार रात साथियों के साथ पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस दौरान बवाना थाने के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। हिरासत में लिए जाने से नाराज सोनम वांगचुक मंगलवार को अनशन पर बैठ गए। दरअसल, सोनम वांगचुक सवा सौ साथियों के साथ सोमवार देर रात करीब 11 बजे सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे। इस दौरान आउटर नॉर्थ जिला पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया और वापस जाने के लिए कहा। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने सोनम वांगचुक और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस सोनम और उनके 40 साथियों को बवाना थाने ले गई। इसके अलावा अन्य को अलग-अलग थानों में रखा गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोनम वांगचुक को थाने की इमारत के पिछले हिस्से में एक बड़े कमरे में रखा गया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने रोजनामचे में हिरासत का समय करीब सवा दो बजे रात का दिखाया है। इसलिए मंगलवार रात सवा दो बजे पहले उन्हें छोड़ना भी है।
लद्दाख सांसद को भी समर्थकों समेत हिरासत में लिया
लद्दाख के सांसद हनीफा जान भी अपने समर्थकों के साथ सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे। बॉर्डर पर पहले से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी और एडिशनल डीसीपी भरत रेड्डी को तैनात किया गया था। पुलिस ने लद्दाख के सांसद और उनके साथ आए 30 लोगों को हिरासत में ले लिया। सांसद को समर्थकों समेत नरेला पुलिस थाने में रखा गया है।
बॉर्डर पर चौकसी बढ़ी
सिंघु बॉर्डर सहित अन्य बॉर्डर पर पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को सोनम वांगचुक के कुछ समर्थक सोनीपत में उतर गए थे। उनके रेल या अन्य साधन से दिल्ली में आने की आशंका है।
समर्थन में विरोध-प्रदर्शन
सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को हिरासत में लिए जाने के बाद राजधानी में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया। ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी (बीएसएस) के दिल्ली चैप्टर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नजदीक विजय नगर में एक विरोध-प्रदर्शन किया। इसमें वांगचुक और उनकी टीम के साथ एकजुटता व्यक्त की गई। वांगचुक और उनके सहयोगी लद्दाख से दिल्ली तक पैदल मार्च कर रहे थे। इसमें लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग की जा रही है। ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी ने इस कदम की कड़ी निंदा की और वांगचुक की शांतिपूर्ण यात्रा को रोकने को दमनकारी करार दिया।
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