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सीएमएचओ ने मनोचिकित्सकों को नशा मुक्ति के खिलाफ शुरू किए गए मानस अभियान की जानकारी दी।
स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा की अध्यक्षता में जिले भर में संचालित साइकेट्रिक सेंटरों के मनोचिकित्सकों की बैठक हुई। सीएमएचओ ने मनोचिकित्सकों से नशा मुक्ति के खिलाफ शुरू किए गए मानस अभियान में जुड़ने
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इसके तहत पिछले करीब दो माह से विभिन्न गतिविधियां चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ट्रेनर्स बनाए गए हैं। इसके बाद ब्लॉक वाइज ट्रेनिंग दी गई। शिक्षा विभाग की ओर से भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत जिला कलेक्टर के निर्देश थे कि सघन कार्रवाई की जाए। अधिकाधिक कैंप लगाएं। सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि जिले में करीब 20 केन्द्रों पर साइकेट्रिक सेंटर हैं, जहां पर मनोचिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में जिले के सभी साइकेट्रिक सेंटरों के मनोचिकित्सकों के साथ बैठक की गई। सभी मनोचिकित्सकों ने कैंप के लिए अपनी सहमति दी। साथ ही आश्वस्त किया कि अगर राजकीय चिकित्सालय में उनकी सेवाओं की आवश्यकता हो तो वे तैयार हैं।
सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि मानस अभियान का मुख्य लक्ष्य है कि नशा करने वाले व्यक्ति के परिवार को साथ जोड़ा जाए। मनोचिकित्सकों से इस बारे में कहा गया कि वे अपना-अपना डाटा तैयार रखें कि उन्होंने नशा छुड़वाने के साथ कितने परिवारों को जोड़ा है। मनोचिकित्सकों ने आने वाले समय में इसका डाटा तैयार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कई सेंटर अच्छा काम कर रहे हैं। आने वाले समय में इनको चैक भी किया जाएगा। सीएमएचओ ने बताया कि मनोचिकित्सकों ने कुछ मुद्दे उठाए।
इनमें साइकेट्रिक सेंटरों को लेकर नागरिकों में कई तरह की भ्रांतियां होने की बात सामने आई। साथ ही बताया कि वे जो दवाइयां दे रहे हैं उनका पूरा रिकॉर्ड है, लेकिन ऐसी दवाइयां जो जिला कलेक्टर की ओर से बैन की गई हैं वह अभी भी कुछ जगह बिना लाइसेंस के बिक रही हैं। सीएमएचओ ने बताया कि इस तरफ जिला कलेक्टर का ध्यान आकर्षित करवाया जाएगा।
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