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इंदौर में 30 सितम्बर को तारीख के लिहाज से बारिश का सीजन बीत गया। इस दौरान दिनभर बारिश नहीं हुई। खास बात यह कि इस बार सितम्बर के आखिरी हफ्ते में आधा-एक इंच बारिश होती रही जिससे सीजन की बारिश का आंकड़ा 35.5 इंच तक पहुंच गया। हालांकि यह आंकड़ा औसत बारिश क
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फिलहाल स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं होने से अब बारिश थमने के आसार हैं। मंगलवार को कहीं-कहीं रिमझिम हो सकती है। अब अक्टूबर माह में जो बारिश होगी वह इस सीजन के रिकॉर्ड में नहीं होगी। इस बार जून और जुलाई में कम हुई बारिश ने इंदौरियों को चिंता में डाल दिया था, लेकिन अगस्त-सितम्बर ने काफी कुछ भरपाई कर दी।
इस सीजन में तालाबों का स्तर अभी ठीक है जबकि सोयाबीन की फसलों का उत्पादन भी अच्छा हुआ है। मौसम वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती के मुताबिक बारिश कराने वाला सिस्टम अब जल्द थम जाएगा। ऐसे में तेज धूप निकलने का अनुमान है।
- इस बार जून माह की बारिश की बात करें तो माह का औसत कोटा 6 इंच का है जबकि इस बार 4 इंच ही बारिश हुई। जून में सबसे ज्यादा तापमान 1 जून को 40.6 (+1) डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। रात का सबसे ज्यादा तापमान 6 जून को 28.6 (+3) डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।
- जुलाई का औसत कोटा 12 इंच का है जबकि इस बार करीब 10 इंच बारिश हुई। इस माह सबसे ज्यादा बारिश 13 और 28 जुलाई को ढाई-ढाई इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। इस तरह जून और जुलाई में कोटे से 2-2 इंच कम बारिश हुई।
- अगस्त माह का औसत कोटा सवा दस इंच का है। इस बार 15 इंच से ज्यादा बारिश हुई। इस माह सबसे ज्यादा बारिश 23 अगस्त को साढ़े पांच इंच बारिश हुई। इससे शहर तर हो गया था। 20 अगस्त को 2 इंच बारिश हुई थी। इस तरह अगस्त माह बारिश के लिहाज से सरप्लस रहा।
- सितम्बर का औसत कोटा करीब 7 इंच है, जबकि इस माह 6 इंच बारिश हुई। इस बार पहले दिन 1 इंच बारिश हुई थी। इसके बाद 24 घंटों में आधा इंच भी बारिश नहीं हुई। फिर 23 सितम्बर से रोज रुक-रुककर हो रही बारिश सहित 6 इंच बारिश हुई। यह बारिश माह के कोटे से 1 इंच कम है।
- इस तरह इस बार जून में 4 इंच, जुलाई में 10 इंच, अगस्त में 15 इंच से ज्यादा और सितम्बर में 6 इंच बारिश हुई। इस तरह सीजन की 35.5 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई।
सोयाबीन का अच्छा उत्पादन
इस बार बारिश से सोयाबीन की फसलों का अच्छा उत्पादन हुआ है। सितम्बर के आखिरी हफ्ते में हुई बारिश से बेटमा, सांवेर के कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन को थोड़ा नुकसान हुआ है। किसान लाखन सिंह गेहलोत ने बताया कि देपालपुर का सबसे बड़ा तालाब बनेडिया तालाब लबालब भरा है।
चार दिन पहले तो ओवर फ्लो हो गया था। ऐसा ही 90 एकड़ वाला शाहपुरा तालाब आधा ही भरा है। पिछले साल अच्छी बारिश होने के कारण ये काफी दिनों तक ओवर फ्लो हुए थे। देपालपुर में सोयाबीन की फसलों की स्थिति अच्छी रही।
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