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दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत लगाए जाने वाले प्रतिबंधों पर फैसला 12 सदस्यीय समिति करेगी। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसको लेकर ग्रेप समिति का गठन किया है। ग्रेप लागू होने के दौरान समिति लगातार बैठक करेगी।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के तहत लगाए जाने वाले प्रतिबंधों पर फैसला 12 सदस्यीय समिति (स्पेशल-12 टीम) करेगी। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसको लेकर ग्रेप समिति का गठन किया है। इसमें प्रदूषण और मौसम विभाग के अधिकारियों के अलावा एनसीआर के जिलों में कार्यरत प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल हैं। अधिसूचना के मुताबिक,आयोग के तकनीकी सदस्य डॉ. एनपी शुक्ला को समिति का प्रमुख बनाया गया है।
ग्रेप लागू होने के दौरान यह समिति लगातार बैठक करेगी और प्रदूषण की स्थिति और आगे के पूर्वानुमानों के आधार पर ग्रेप के तहत अलग-अलग प्रतिबंधों को लगाने या हटाने का फैसला करेगी। केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग इस बार प्रदूषण की रोकथाम के लिए खास सावधानी बरत रहा है। इस क्रम में अक्तूबर की शुरुआत होने से 12 दिन पहले ग्रेप लगाने की घोषणा की जा चुकी है। यानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र अब ग्रेप प्रावधानों के अंतर्गत आ चुके हैं। प्रदूषण की स्थिति और आगे के पूर्वानुमान के आधार पर अलग-अलग स्तर के प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
स्वच्छ ईंधन वाली बसें ही करेंगी दिल्ली में प्रवेश
एनसीआर राज्यों से आने वाली अंतरराज्यीय बसों में से केवल उन्हीं को दिल्ली में प्रवेश दिया जाएगा जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या फिर बीएस छह मानकों वाली डीजल बसें हों। अन्य ईंधनों से चालित होने वाली बसों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। बता दें कि हर साल सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर को गंभीर प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इस दौरान प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा हो जाता है कि लोगों के लिए सांस लेना दूभर हो जाता है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वाहनों के परिचालन व निर्माण कार्यों पर अलग-अलग स्तर के प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
इस बार ज्यादा पाबंदियां लगाई जाएंगी
इस बार वाहनों पर पहले से ज्यादा ग्रेप पाबंदियां लागू होंगी। 401 से 450 तक के गुणवत्ता सूचकांक को पाबंदियों के तीसरे चरण में रखा जाता था। पिछले साल की आठ पाबंदियों की तुलना में इस बार 11 पाबंदियां इस श्रेणी में की गई हैं। ग्रेप के चौथे चरण में लगाई जाने वाली तीन पाबंदियों को इस बार तीसरे चरण में ही शामिल किया गया है। अब तीसरे चरण में ही दिल्ली सरकार दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित व बीएस तीन या उससे नीचे के मानकों वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) पर पाबंदी लगाएगी। जबकि, दिल्ली से बाहर पंजीकृत बीएस तीन और उससे नीचे के मानकों वाले डीजल चालित एलसीवी (गुड्स कैरियर) को दिल्ली में प्रवेश से रोका जाएगा।
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